यहां दहकते अंगारों पर दौड़कर साबित करते है अपनी भक्ति

यहां दहकते अंगारों पर दौड़कर साबित करते है अपनी भक्ति

  •  
  • Publish Date - October 1, 2017 / 11:25 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

 

मंदसौर की मां हरिसिद्धि माता नालछा में चल का बड़ा आयोजन किया जाता है। इस आयोजन को देखने के लिए हजारों की संख्या में मां के भक्त मंदिर परिसर में पहुंचते है। धर्म और आस्था ऐसी की मां के भक्त दहकते अंगारो पर नंगे पैर चलते है। बताया जाता है की यहां नवरात्री के बाद दहशरे पर चल का आयोजन किया जाता है। जिसमे माता के भक्त अजीब सी हरकते करते अंगारो पर चलते है बताया जाता है की माता इन भक्तों के शरीर में प्रवेश करती है। इसके बाद आम भक्त भी अपनी मन्नत पूरी करने के लिए अंगारों पर चलते है। यहां भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर जलती आग के बिच आस्था की दौड़ लगाते है।

यहां ना तो रावण जलता है, और ना ही..यहां राम की जयकार गूंजती हैं, जानें क्या है खासियत बस्तर दशहरे की

मंदसौर के माता नालछा मंदिर में नो दिनों तक होने वाली नवरात्र पर्व के बाद दशहरे पर चल का बड़ा आयोजन किया जाता है। इस आयोजन की खास बात यह है की विज्ञान के इस युग में भी आस्था विज्ञान पर भारी पड़ती दिखाई देती है। करीब ग्यारह फिट की एक लंबी और ढाई फिट चैड़ी खाई बनाई जाती है, जिसमे सुखी लकडियां डालकर आग लगाईं जाती है। लकडियां जब अंगारो में तब्दील हो जाती है। तब इन दहकते अंगारो पर माता के भक्त नंगे पैर चलते है। दशहरे के दिन होने वाली चूल के इस आयोजन को देखने आसपास के ग्रामीण इलाकों से हजारों भक्त पहुचते है। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में पूरा आयोजन किया जाता है। सवाल यह भी उठता है कि क्या माता की भक्ति को दिखाने के लिए दहकते अंगारो पर चलना ही शक्ति और भक्ति प्रदर्शित करता है । क्या कोई मां अपने भक्त को अंगारों की कसौटी पर परख सकती है।