छत्तीसगढ़ में महिलाएं करेंगी पंचायतों की सोशल ऑडिट, रमन सरकार की बड़ी पहल

छत्तीसगढ़ में महिलाएं करेंगी पंचायतों की सोशल ऑडिट, रमन सरकार की बड़ी पहल

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  • Publish Date - January 9, 2018 / 12:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

डॉ. रमन सिंह सरकार इसबार पंचायतों के काम-काज के सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपने जा रही है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक सार्थक पहल की है. ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। तीन स्तरों वाली पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद यह राज्य सरकार का एक और महत्वपूर्ण कदम है। अब तक 14 हजार से ज्यादा महिला समूहों को प्रशिक्षण मिला चुका है।

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पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महिला समूहों को पंचायतों के काम-काज के सामाजिक अंकेक्षण में भागीदार बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। प्रथम चरण में राज्य स्तर पर विगत लगभग तीन माह में 14 हजार 435 महिला स्व-सहायता समूहों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विगत दो अक्टूबर से शुरू हुआ था, जो इस महीने की छह तारीख को सम्पन्न हुआ। उन्हें मनरेगा और इंदिरा आवास योजना के तहत भौतिक सत्यापन, सामाजिक जवाबदेही, योजनाओं का लेखा परीक्षण, स्वीकृत कार्यो पर चर्चा, सोशल ऑडिट का आवश्यक दस्तावेजीकरण एवं प्रतिवेदन लेखन जैसे कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया है।

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केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक अंकेक्षण कार्य की गुणवत्ता और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एसएचजी-व्हीआरपी प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। महिला समूहों के प्रशिक्षण के लिए विकासखण्ड स्तर पर 120 मास्टर प्रशिक्षक तैनात किए गए हैं। इस वर्ष छह जनवरी तक इस कार्यक्रम के तहत महिला स्व-सहायता समूहों को 441 सत्रों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षित महिलाएं स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में बातचीत करती हैं, इससे पंचायत स्तर पर ग्रामीणों से योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त करने में आसानी हो रही है। साथ ही लोगों को सामाजिक अंकेक्षण के उद्देश्यों और विभिन्न योजनाओं की जानकारी बेहतर ढंग से मिल रही है।

 

वेब डेस्क, IBC24