चंबल में 500 करोड़ का कारोबार करने वाला ग्वालियर का स्टोन पार्क 20 करोड़ में सिमट गया है और अब बंद होने की कगार पर है….क्योंकि स्टोन इकाईयों को कच्चा माल ही नही मिल रहा….गौर करने की बात तो ये है कि खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पार्क का उद्घाटन किया था लेकिन आज सरकारी महकमे पर ही आरोप लग रहे हैं.
2007 में 52 स्टोन ईंकाईयों के साथ पार्क शुरु किया गया…पार्क के उत्पादों का विदेशों में निर्यात किया जाता था जिससे हर साल पांच सौ करोड़ की विदेशी मुद्रा मिलती थी…लेकिन सोनचिरैया अभ्यारण्य की वजह से NGT के आदेश पर 1 जून 2016 को घाटीगांव स्थित 100 खदानों को बंद कर दिया गया, जिसके बाद से ही स्टोन पार्क इंडस्ट्री को कच्चा माल मिलना बंद हो गया, नतीजा ये कि वो 20 स्टोन फैक्ट्री बंद हो गई जिनके उत्पाद की डिमांड बैल्जियम, इटली, आयरलैंड, साउथ आफ्रीका समेत यूरोप के अनेक देशों में रहती है….आज 80% ईकाइंया बंद होने की कगार पर है…DFO पर कच्चा माल देने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगा है.
ग्वालियर के स्टोन पार्क के कुल उत्पादन का 95 फीसदी सफेद पत्थर दुनियाभर के देशों को निर्यात किया जाता है… लेकिन आज स्थिति ये है कि स्टोन पार्क की 80 फीसदी यूनिट्स बंद होने की कगार पर है….सवाल ये है कि ड्रीम प्रोजक्ट डूब रहा है क्या सरकार भी अंधेरे मे है?