गरीब तबके के मरीजों का ध्‍यान रखना चिकित्‍सकों का सर्वोपरि कर्तव्‍य : राष्‍ट्रपति

गरीब तबके के मरीजों का ध्‍यान रखना चिकित्‍सकों का सर्वोपरि कर्तव्‍य : राष्‍ट्रपति

गरीब तबके के मरीजों का ध्‍यान रखना चिकित्‍सकों का सर्वोपरि कर्तव्‍य : राष्‍ट्रपति
Modified Date: November 29, 2022 / 08:38 pm IST
Published Date: December 21, 2020 11:18 am IST

लखनऊ, 21 दिसंबर (भाषा) राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को किंग जार्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की लड़ाई में केजीएमयू जैसे सार्वजनिक अस्‍पतालों ने अग्रणी भूमिका निभाई।

उन्‍होंने कहा, ”सक्षम व संवेदनशील डॉक्टर व नर्स मरीजों का विश्वास जीत पाते हैं और मरीजों का यह विश्वास और आस्था ही उनके उपचार का आधार है। मरीजों का विशेषकर गरीब तबके के मरीजों का ध्यान रखना आप सबका सर्वोपरि कर्तव्य है।”

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये केजीएमयू के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्‍होंने सभी विद्यार्थियों, पदक विजेताओं, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई दी। साथ ही कहा कि आज स्नातक की डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए बहुत खुशी का दिन है क्योंकि अब से इनके नाम के पहले ‘डॉक्टर” शब्द जुड़ जाएगा।

उन्‍होंने केजीएमयू के विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा, ”आपने अपने लिए जिस सम्मानित पेशे को चुना है, उसका महत्व केवल जीविकोपार्जन तथा व्यक्तिगत उन्नति के लिए नहीं है बल्कि आपने मानव सेवा का मार्ग चुना है और हमारे देश में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है।”

कोविंद ने कहा, ” आप सब युवा डॉक्टर यह हमेशा याद रखें कि मरीज केवल मेडिकल केस नहीं होते हैं, वे संवेदनशील मनुष्य होते हैं जो पीड़ा, परेशानी, तनाव और आशंका की स्थिति में आपके पास आते हैं और ऐसे में मरीज की देख-भाल करने वाले डॉक्टर और नर्स में योग्‍यता एवं करुणा दोनों का होना बहुत जरूरी है।”

उन्होंने कहा, ” पेशेवर शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को समाज में हो रहे बदलाव एवं विकास का प्रतिबिंब माना जा सकता है। मुझे केजीएमयू के पहले बैच के विद्यार्थियों की सूची दिखाई गई और 31 विद्यार्थियों की उस सूची में मात्र दो छात्राएं थी और मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आज के दीक्षांत समारोह में कुल 44 पदक विजेताओं में से 21 बेटियां हैं जो लगभग 50 प्रतिशत हैं।”

राष्ट्रपति ने कहा, ”मुझे बताया गया है कि लगभग साढ़े बारह हजार सदस्यों का ‘जॉर्जियन एल्युमनाई एसोसिएशन’ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय है। ऐसे में मेरा सुझाव है कि इस एसोसिएशन द्वारा एक ‘नॉलेज पोर्टल’ स्थापित किया जाए और इस पोर्टल पर देश-विदेश में कार्यरत सभी जॉर्जियन अपनी विशेष जानकारी और अनुभव साझा करें।”

उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी की स्वास्थ्य सेवाओं में आ रहे अत्याधुनिक बदलावों के मद्देनजर युवा विद्यार्थियों में आरंभ से ही शोध की मानसिकता विकसित की जानी चाहिए।

राज्‍य विश्‍वविद्यालयों की कुलाधिपति एवं उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल के अलावा वित्‍त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने भी दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।

भाषा आनन्‍द शफीक


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