एक ओर लाल और पीली बत्तियों पर पाबंदी लगने के बाद भी जहां देश में तमाम नेता VIP कल्चर का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं.. तो वहीं देवास के सांसद मनोहर ऊंटवाल ने ऐसे नेताओँ के सामने उदाहरण पेश किया है.. देवास पहुंचे सांसद ने ऐलान किया है कि सांसद निधि से होने वाले विकास कार्यों के किसी भी शिलालेख पर उनका नाम अंकित ना किया जाए.. उन्होंने कहा कि शाजापुर में भी पहले वो ये बात कह चुके हैं..
इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि जनता टैक्स के रूप में अपनी गाढ़ी कमाई सरकार को देती है.. और इसी पैसे विकास कार्य किए जाते हैं.. तो इनके शिलालेखों में जनप्रतिनिधियों का नाम डाले जाने का कोई औचित्य नहीं है। सांसद मनोहर ऊंटवाल का ये ऐलान ऐसे वक्त में बहुत मायने रखता है.. जब तमाम नेता लाल बत्ती कल्चर खत्म होने के बाद रसूख जताने के लिए अपनी गाड़ियों में हूटर लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं।