जबलपुर में 10 साल की दुष्कर्म पीड़िता बच्ची को इलाज के नाम पर भटकाने वाले डॉक्टर्स को पुलिस अब तगड़ा सबक सिखाने जा रही है. पुलिस ने 17 मार्च की शाम दुष्कर्म और जानलेवा हमले से पीड़ित मासूम बच्ची को इलाज के लिए भटकाने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ, ज़िला अदालत में कंप्लेंट केस दायर कर दी है जिसमें दोषी डॉक्टर को एक साल की कैद और ज़ुर्माने की सज़ा सुनाई जा सकती है.
ये भी पढ़ें- छग की एक राज्यसभा सीट के लिए वोटिंग, सरोज पांडेय और लेखराम साहू आमने-सामने
ये भी पढ़ें-प्रदेश के 9 सिविल अस्पतालों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर चलाने का फैसला
दरअसल CRPC और IPC के कानून में साल 2013 में हुए संशोधन के बाद CRPC की धारा 357-सी जोड़ी गई थी जिसके तहत कोई भी अस्पताल दुष्कर्म या एसिड अटैक से पीड़ित व्यक्ति के इलाज से इंकार नहीं कर सकता. कानून की इस धारा के प्रावधान के तहत भले वो निजी हॉस्पिटल हो लेकिन उसे दुष्कर्म या एसिड अटैक से पीड़ित व्यक्ति को उसके अस्पताल पहुंचते ही मुफ्त इलाज देना होगा.
वहीं IPC की धारा 166-बी जोड़ी गई है. जिसमें ऐसे मामलों में पीड़िता को इलाज ना देने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. बताया जा रहा है कि पुलिस की ओर से डॉक्टर्स के खिलाफ ऐसा कदम उठाने का ये पहला मामला है. पुलिस ने जिले के CMHO सहित अस्पतालों को कानून की जानकारी के साथ गाईड लाईन भी भेज दी है।
वेब डेस्क, IBC24