सोशल मीडिया पर तकलीफ साझा कर रहे हैं शिक्षाकर्मी, संविलियन को ही बताया विकल्प…देखिए वीडियो

सोशल मीडिया पर तकलीफ साझा कर रहे हैं शिक्षाकर्मी, संविलियन को ही बताया विकल्प...देखिए वीडियो

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  • Publish Date - May 14, 2018 / 09:21 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

 

रायपुर। छत्तीसगढ के शिक्षाकर्मी संविलियन के लिए आंदोलन की राह पर हैं। इस बीच संविलियन नहीं होने की तकलीफ वे अब सोशल मीडिया के जरिए साझा कर रहे हैं। एक ऐसे शिक्षाकर्मी कृष्णराज पांडेय ने वीडियो के माध्यम से अपनी समस्या शेयर की है। उनका कहना है कि पति-पत्नी दोनों शिक्षाकर्मी हैं। जब उनकी पत्नी गर्भवती थी तो उन्होंने तबादले के आवेदन किया था। वे इस सिलसिले में दो बार मुख्यमंत्री के जनदर्शन कार्यक्रम में भी जा चुके हैं। इसके बाद भी उन्हें तबादला नीति का लाभ नहीं मिला। अब उनकी जुड़वा बच्ची है। वे खुद रायपुर से 65 किमी दूर पढ़ाने जाते हैं, जबकि उनकी पत्नी की पोस्टिंग 30 किमी दूर है। उनके पिता लकवा से ग्रसित हैं। ऐसे में वे न अपनी बच्चियों की देखभाल कर पा रहे हैं और न ही पिता का इलाज करवा पा रहे हैं। लिहाजा उन्होंने मांग की है कि सरकार संविलियन की घोषणा करे, ताकि वे परिवार की देखभाल सही तरीके से कर सकें।

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शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक विरेन्द्र दुबे ने  इस मुहिम को असरकारक बताते हुए कहा है कि ऐसी अलग अलग व्यथाएँ प्रत्येक शिक्षाकर्मी की हैकर्मी व्यवस्था के चलते दोयम दर्जे का व्यवहार, वेतन की अनुपलब्धता, चिकित्सा, स्थानांतरण जैसी सुविधाओं का ना मिलना,सबसे खराब हालत तो अनुकम्पा नियुक्ति नही होने से दिवंगत परिवार की हैइन सभी समस्याओं के स्थायी निदान की मांग करते करते हम ज्ञापन, धरना, रैली, आंदोलन, जेलयात्रा, निलम्बन, बर्खास्तगी, महापंचायत आदि के जरिए अब हम संविलियनगड़ी तक पहुँचे हैं। वर्तमान स्थिति के लिए केवल सरकार जिम्मेदार है, जल्द ही संविलियन की घोषणा हो अन्यथा 26 मई तक हम व्यथा, अपनी पीड़ा इस तरह वीडियो बनाकर हम  मुख्यमंत्री और समाज के बीच रखेंगे

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शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने “विडियो बनाओ-दुखड़ा सुनाओ” मुहिम को अपेक्षित प्रतिक्रिया बताते हुए कहा कि ये समस्याग्रस्त शिक्षाकर्मी साथियों की स्वाभाविक पीड़ा हैजो विडियो में दिखाई पड़ रहा है।

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मोर्चा के प्रांतीय उपसंचालक जितेन्द्र शर्मा इस मुहिम को सोशल मिडिया की क्रांति का एक हिस्सा मानते हुए कहा कि- आज सोशल मीडिया के जरिये हमारे शिक्षाकर्मी साथी अपनी करुण भावनाओं की अभिव्यक्ति कर पा रहे हैं, हम अपनी पीड़ा अपने संवेदनशील मुख्यमंत्री जी और सुधीजनों तक पहुंचाना चाहते हैं। अब संविलियन में विलम्ब नही होना चाहिए और ना ही शिक्षाकर्मियों को संविलयन से कम कुछ और मंजूर होगा।

वेब डेस्कIBC24