GMP of Tata Capital IPO: 15 ब्रोकरेज की ‘सब्सक्राइब’ कॉल फेल! GMP गिरा तो मचा बाजार में हड़कंप
टाटा कैपिटल के 15,512 करोड़ रुपये के आईपीओ को 15 ब्रोकरेज की सिफारिश मिलने के बावजूद GMP 3% गिर गया है। इसका कारण उचित मूल्य निर्धारण, हालिया विलय से संपत्ति गुणवत्ता को लेकर चिंता और आईपीओ बाजार में भीड़ से निवेशकों की तरलता व अल्पकालिक लाभ की उम्मीदों में कमी है।
(GMP of Tata Capital IPO, Image Credit: IBC24 News Customize)
- टाटा कैपिटल का GMP घटकर सिर्फ 3% रह गया है।
- 15 ब्रोकरेज फर्मों ने आईपीओ को 'सब्सक्राइब' की रेटिंग दी है।
- IPO में ₹6,846 करोड़ का नया इश्यू और ₹8,666 करोड़ का OFS शामिल है।
नई दिल्ली: GMP of Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल के 15,512 करोड़ रुपये के बहुप्रतीक्षित आईपीओ को देश की 15 प्रमुख फर्मों ने ‘सब्सक्राइब’ की रेटिंग दी है। इसके बावजूद ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) गिरकर केवल 3% तक पहुंच गया है, जो लिस्टिंग के दिन सीमित लाभ को ओर संकेत करता है। जबकि विश्लेषकों ने कंपनी के मजबूत बिजनेस मॉडल और विश्वसनीय टाटा ब्रांड को दीर्घकालिक निवेश के लिए बेहतर बताया है, लेकिन अल्पकालिक मुनाफे को लेकर बाजार सतर्क दिखाई दे रहा है।
IPO का प्राइस बैंड और लिस्टिंग तिथि
टाटा कैपिटल आईपीओ पब्लिक इश्यू का प्राइस बैंड 310 रुपये से 326 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। इसमें 6,846 करोड़ रुपये का फ्रेस इश्यू और 8.666 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। यह आईपीओ 8 अक्टूबर को बंद होगा और लिस्टिंग की संभावित तिथि 13 अक्टूबर 2025 है।
कम GMP के पीछे ये तीन प्रमुख कारण
उचित मूल्य निर्धारण:
एनालिस्ट के अनुसार, टाटा कैपिटल का मूल्यांकन इसके पोस्ट-इश्यू बुक वैल्यू के 4.2-4.3 गुना पर किया गया है, जो उद्योग की अन्य कंपनियों जैसे बजाज फाइनेंस और एचडीबी फाइनेंशियल के स्तर पर है। इससे शॉर्ट टर्म रिटर्न की संभावना कम हो गई है। अरिहंत कैपिटल की श्रुति जैन के अनुसार, ‘मूल्यांकन आकर्षक नहीं है, इसलिए ग्रे मार्केट में उत्साह सीमित है।’
विलय से एसेट क्वालिटी को लेकर चिंता:
टाटा कैपिटल का टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड (TMFL) के साथ हाल ही में हुआ विलय इसकी संपत्ति गुणवत्ता और लाभप्रदता को प्रभावित कर सकता है। इस विलय से NPA0.5% से बढ़कर 1% हो गया है, जिससे निवेशकों में थोड़ी अनिश्चितता बढ़ी है।
IPO बाजार में भीड़:
हाल ही में आईपीओ बाजार में लगातार कई बड़ी पेशकशें आ रही हैं, जिससे निवेशकों की पूंजी बंट गई है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे आकर्षक आईपीओ के चलते निवेशक के रूख चयनात्मक हो गए हैं।
लॉन्ग टर्म निवेश के लिए उपयुक्त विकल्प
भले ही अल्पकालिक रुझान कमजोर नजर आ रहे हैं, लेकिन विश्लेषकों की राय है कि टाटा कैपिटल एक मजबूत लॉन्ग टर्म निवेश का विकल्प है। आईपीओ से जुटाई गई राशि टियर-I पूंजी बढ़ाएगी और कंपनी के खुदरा, एसएमई और कार्पोरेट ऋण बाजार में विस्तार का मौगा मिलेगा। भारत में बढ़ती क्रेडिट डिमांड का फायदा उठाने के लिए टाटा कैपिटल बेहतर स्थिति में है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
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