Trump’s New Statements: ट्रंप के नए बयान से ताश के पत्तों की तरह गिरे इन कंपनियों के शेयर…

Trump's New Statements: ट्रंप के नए बयान से ताश के पत्तों की तरह गिरे इन कंपनियों के शेयर...

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Modified Date: June 17, 2025 / 12:33 PM IST
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Published Date: June 17, 2025 12:33 pm IST
Trump’s New Statements: ट्रंप के नए बयान से ताश के पत्तों की तरह गिरे इन कंपनियों के शेयर…
HIGHLIGHTS
  • ट्रंप के बयान के बाद ब्रेंट क्रूड $74.51 और WTI $73.13 पर पहुंचा।
  • HPCL, BPCL, IOC के शेयरों में 0.67% से 1% तक की तेजी।
  • ONGC 1.67% और Oil India 0.97% फिसले।

Trump’s New Statements: ईरान-इजरायल विवाद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘तेहरान के निवासियों को फौरन शहर छोड़ देना चाहिए।’ इस चेतावनी भरे बयान से भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका के संभावित सैन्य हस्तक्षेप की अटकलें तेज हो गई है। साथ ही उन्होंने ईरान को परमाणु गतिविधियां तुरंत रोकने को कहा।

तेल की कीमतों में तेजी

इन बयानों के बाद अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ गई है। भारतीय समयानुसार सुबह 8:15 बजे ब्रेंट क्रूड 1.8% बढ़कर 74.51 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.9% की तेजी के साथ $73.13 प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

भारतीय ऑयल कंपनियों पर भी दिखा असर

वहीं, तेल की बढ़ती कीमतों का असर भारतीय ऑयल कंपनियों पर मिला-जुला नजर आ रहा है। HPCL, BPCL, IOC कंपनियों के शेयरों में फिलहाल हल्की बढ़त देखी जा रही है, जबकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि कच्चे तेल के दाम बढ़ोतरी होने से इनकी लागत तो बढ़ेगी, किंतु वे इसका पूरा बोझ ग्राहकों पर नहीं डाल पाएंगी। इससे इनके मार्जिन पर दबाव बन सकता है। HPCL, BPCL और IOC के शेयरों में 0.67% से 1% की तेजी दिखी है। वहीं, दूसरी तरफ तेल उत्पादक कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। ONGC के शेयर 1.53% टूटकर 252.86 रुपये पर और ऑयल इंडिया 0.97% गिरकर 476.20 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं।

एक्सपर्ट्स की राय

UBS ब्रोकरेज का मानना है कि OPEC देशों के पास पर्याप्त भंडार मौजूद है, जिससे कच्चे तेल के दाम सीमित दायरे में रहेंगे। दूसरी ओर, OMC कंपनियों के लिए चालू तिमाही के नतीजे बेहतर रहने की संभावना है।

JM Financial रिपोर्ट के मुताबिक, यदि ईरान ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद किया जाता है, जहां से वैश्विक तेल सप्लाई का लगभग 20% गुजरता है तो कच्चे तेल की कीमतें $80 प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं। हालांकि विशेषज्ञ मानना हैं कि इसकी संभावना बहुत ही कम है, क्योंकि इतिहास में ऐसे तनावपूर्ण हालात में भी इस जलमार्ग को कभी पूरी तरह बंद नहीं किया गया।

ट्रंप के कड़े बयानों ने वैश्विक बाजारों में नई बेचैनी ला दी है। आगामी दिनों में निवेशकों की नजरें भू-राजनीतिक घटनाओं और तेल की कीमतों की दिशा पर टिकी रहेंगी।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

ट्रंप के बयान से कच्चे तेल की कीमतों पर क्या असर पड़ा है?

ट्रंप की चेतावनी के बाद ब्रेंट क्रूड और WTI क्रूड दोनों में करीब 1.8–1.9% की तेजी दर्ज की गई है।

भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) पर इसका क्या प्रभाव हुआ है?

तेल महंगा होने से उनकी लागत बढ़ेगी, लेकिन कीमतों को पूरी तरह उपभोक्ताओं पर डालना मुश्किल है, जिससे मुनाफे पर दबाव आ सकता है।

तेल उत्पादक कंपनियों जैसे ONGC और Oil India पर क्या असर दिखा?

इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई क्योंकि बाजार में अनिश्चितता और वायदा कीमतों में अस्थिरता बढ़ी।

क्या यह संकट तेल की कीमतों को $80 प्रति बैरल तक पहुंचा सकता है?

JM Financial का मानना है कि अगर ईरान ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य को रोका तो यह संभव है, हालांकि इसकी संभावना कम है।