IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर करण का सपना, बनूंगा कलेक्टर

12वीं टॉपर करण का सपना, बनूंगा कलेक्टर! IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022: Success Story of 12th Topper karan shrivastav

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  • Publish Date - July 7, 2022 / 08:47 AM IST,
    Updated On - November 28, 2022 / 09:22 PM IST

रायपुर। अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। बलरामपुर जिले के करण श्रीवास्तव ने जिले का मान बढ़ाया है। 12वीं परीक्षा में 470 अंक हासिल किया। करण श्रीवास्तव ने रस्वति शिशु मंदिर, रामानुजगंज, जिला बलरामपुर में अपना पढ़ाई पूरी की है।

करण ने बताया कि “मेरे पापा सड़क पर साइकिल सुधारने का काम करते हैं। थाने में चपरासी का काम भी करते हैं। तब कहीं जाकर मेरा घर चलता है। इस हालात से हम उबरें और वे मुझ पर गर्व करें।“

 

करण का सपना, बनूंगा कॉलेज में प्रोफेसर

करण की जुबानी…प्रोफेसर हमारे दिमाग के तंतू खोलते हैं, जिनसे हम किसी भी पद तक पहुंचते हैं। मैं मानता हूं कि आईएएस भी बन जाऊं तो उतना समाज के लिए नहीं कर पाऊंगा, लेकिन एक प्रोफेसर बनकर यह काम किया जा सकता है। मैंने इसीलिए तय किया है कि मैं प्रोफेसर बनूंगा और बच्चों को देश की सेवा के विभिन्न उपक्रम में जाने के लिए तैयार करूंगा। मैंने बहुत करीब से जिंदगी को देखा है। पापा जब सड़क पर बैठकर साइकिल सुधारने का काम करते हैं तो दुख होता है। सिर्फ साइकिल सुधारने भर से हमारी आजीविका नहीं चलती, बल्कि उन्हें थाने में साफ-सफाई का काम करने भी जाना पड़ता है। इसके बदले में कुछ पैसे थाने से मिल जाते हैं। इस तरह से हमारा घर चलता है। ऐसे में मैं जानता हूं कि जितना अधिक पढ़ाई करूंगा उतना अधिक इस मोहताजी से मुक्ति के करीब पहुंच सकूंगा। 12वीं में मैथ्स के साथ टॉपर बनने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए रोजाना स्कूल के अतिरिक्त 4 से 5 घंटे पढ़ाई। जी-तोड़ मेहनत और फोकस होकर सब्जेक्ट तैयार करना मेरी तैयारियों में शुमार है। अपनी कैमिस्ट्री और फिजिक्स को मजबूत बनाने के लिए एक कोचिंग का सहारा लिया। पापा ने इसमें एक पल गंवाए बिना ही यह किया। वे कहते हैं, पढ़ाई करो, बाकी मुझ पर छोड़ दो। मैंने भी अपनी ओर से इसलिए कोई कसर नहीं छोड़ी। आईबीसी-24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप के लिए मैं चुना गया, यह मेरे लिए फक्र की बात है। मुझे यह स्कॉलरशिप जरूर अपने मुकाम तक का सफर करने में मदद करेगी।