IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर मनोरमा दास बोलीं- अफसर बनकर करना चाहती हूं जनसेवा..

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर मनोरमा दास बोलीं- अफसर बनकर करना चाहती हूं जनसेवा..

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  • Publish Date - July 7, 2022 / 04:52 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 06:08 PM IST

रायपुर। अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। महासमुंद जिले की मनोरमा दास ने जिले का मान बढ़ाया है। 12वीं परीक्षा में 463 अंक हासिल किया। मनोरमा दास ने शा. कन्या. हा. से. स्कूल, बसना, महासमुंद में अपना पढ़ाई पूरी की है।

मनोरमा दास ने कहा कि “गांव से 8 किलोमीटर दूर मेरा स्कूल था। रोज पैदल जाना और फिर इतना ही आना। घर के काम-काज फिर पढ़ाई। मेरे लिए आसान नहीं था टॉपर बनना, लेकिन विश्वास था कि बनूंगी।“

सीजी-पीएससी करके परिवार को खुशियां देना चाहती हैं मनोरमा

मनोरमा की जुबानी.. मेरे पापा नहीं हैं। मां, मैं और एक भाई व दीदी हैं। बसना के स्कूल तक आने के लिए मुझे 8 किलोमीटर मेरे गांव डूमरपाली से पैदल सफर करना पड़ता था। इसमें कभी लिफ्ट मिल जाती थी। कभी मित्रों की मदद से बस में आ जाती थी। परिवार में पिता नहीं हैं, तो आर्थिक हालत बहुत नाजुक हैं। मां, भाई, दीदी सब मिलकर किसी तरह से घर चलाते हैं। इसलिए मैंने सोचा था कि मैं पढ़ाई में कोई कमी नहीं करूंगी। जितनी हो सकेगी मेहनत करूंगी। जल्द से जल्द कोई नौकरी करके घर की आर्थिक हालत सुधारना चाहती हूं। मूलभूत शिक्षा ही हम जैसे परिवारों को मिल जाए तो बड़ी बात होती है। लेकिन मेरे परिवार में ऐसा नहीं है। मेरा पूरा परिवार मुझे अच्छे से अच्छा और ऊंचे से ऊंचा एजुकेशन दिलाने के लिए सब कुछ करने तैयार है। मेरा भी ध्येय है कि मैं फिलहाल ग्रेजुएशन में बीकॉम में करूंगी। इसके बाद छत्तीसगढ़ पीएससी की तैयारी में जुट जाऊंगी। मुझे अपने ऊपर पूरा भरोसा है। इसे जरूर निकाल लूंगी। मेरा ख्वाब है कि जल्द से जल्द अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सकूं। अफसर बनकर यह और अच्छे ढंग से हो सकता है। मां का त्याग, दीदी का संघर्ष और भाई का समर्पण मुझे एक दिन जरूर किसी अच्छे मुकाम तक लेकर जाएगा। मैं अपने आपको सदा तरोताजा रखना चाहती हूं। ज्यादा तनाव से काम नहीं होता। इसलिए समय जब मिलता है तो हिंदी गाने गाती हूं। मुझे गाने का बहुत शौक है। कराओके के साथ गाना और अच्छा लगता है। आईबीसी-24 की ओर से स्वर्ण शारदा मेरे जैसी बेटियों के लिए वरदान है। हम सब परिवार के लोग रायपुर में रहकर आजीविका चला रहे हैं।