IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : कच्चा बादाम का ठेला लगाने वाले की बेटी नेहा बनेगी डॉक्टर, ‘स्वर्ण शारदा’ करेगी सपने को साकार

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : कच्चा बादाम का ठेला लगाने वाले की बेटी नेहा बनेगी डॉक्टर, 'स्वर्ण शारदा' करेगी सपने को साकार

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  • Publish Date - July 7, 2022 / 08:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 02:57 PM IST

रायपुर। IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। सूरजपुर जिले की नेहा साहू ने जिले का मान बढ़ाया है। 12वीं परीक्षा में 456 अंक हासिल किया। नेहा साहू ने स्वामी विवेकानंद हा. से. स्कूल, शिवनंदरपुर में अपना पढ़ाई पूरी की है।

नेहा साहू ने कहा कि “स्वर्ण शारदा की स्कॉलरशिप मेरे सपने साकार करेगी। क्योंकि मेरे पास तो 12वीं में ट्यूशन तक के पैसे नहीं थे, फिर नीट की तैयारी की तो कल्पना भी मैं न कर पाती।“

 

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कच्चा बादाम का ठेला लगाने वाले पिता की बेटी नेहा बनेगी डॉक्टर

नेहा साहू की जुबानी… पापा कच्चा बादाम का ठेला लगाते हैं। मेरे लिए पढ़ाई एक ऐसा हथियार है जिससे मैं अपनी तमाम आर्थिक दुष्वारियों को खत्म कर सकती हूं। इसलिए इसमें कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पापा के कच्चा बादाम, चना बादाम के ठेले से जो आय होती है, उसीसे मेरा घर चलता है। इस आर्थिक तंगी को मैं कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहती, लेकिन यह एक संघर्ष तो होता ही है। इसलिए अपनी पढ़ाई की तैयारी के बारे में बताने से पहले आईबीसी-24 की स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप का जिक्र कर रही हूं, क्योंकि इसने मुझे फिर से हौसला दिया है। मुझे डॉक्टर बनना है। डॉक्टर के लिए नीट परीक्षा पास करनी होगी। नीट की तैयारी के लिए महंगे कोचिंग्स चाहिए। सच कहूं तो स्वर्ण शारदा ने मुझे डॉक्टर बनने के और करीब पहुंचाया है। मैं जहां रहती हूं, वहां कोई पढ़ाई का माहौल नहीं है, लेकिन एक दीदी मेरी प्रेरणा बनीं। वे नर्सिंग कर रही हैं। मुझे भी लगा कि मैं क्यों माहौल का बहाना बनाकर पीछे रहूं। पढ़ाई में मेरा प्रदर्शन हमेशा से ही ठीक रहा है। मेरे भाई-बहन भी पढ़ाई में अच्छे हैं। घर में धनाभाव को मैंने कभी अपनी राह का रोड़ा नहीं माना। 12वीं में तो पापा के पास कोचिंग के पैसे भी नहीं थे, लेकिन मौसी ने सहयोग किया। मेरे हाथ में मेहनत है, पढ़ाई की सही दिशा है और पूरी दिनचर्या बनाकर विषयों को समझने की क्षमता है। इसलिए मेरा आत्मविश्वास ठीक है। मुझे खेलने का भी शौक है। क्रिकेट मेरे प्रिय खेलों में से एक है। खाली वक्त में अच्छे कार्यक्रम आते हैं तो टीवी भी देखती हूं।