पणजी। गोवा में चुनाव से पहले कांग्रेस ने मतदाताओं को यह सुनिश्चित किया है इस बार साल 2019 की तरह दलबदल जैसी घटनाएं नहीं होंगी। इसके लिए शनिवार को कांग्रेस ने अपने नेताओं के साथ भगवान को साक्षी मानकर संकल्प लिया है।
2019 में चुनाव से पहले कांग्रेस के करीब 10 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी का दामन थाम लिया था। इसके बाद से ही कांग्रेस को विरोध का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में शनिवार को कांग्रेस के 36 प्रत्याशियों ने मंदिर, चर्च और मस्जिदों में जाकर संकल्प लिया कि इन चुनाव में समय और बाद में वे सभी पार्टी के प्रति ईमानदार रहेंगे।
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पणजी में महालक्ष्मी मंदिर और कोंकणी में बंबोलिम क्रॉस में पुजारियों के साथ हाथ जोड़कर खड़े होकर चुनाव उम्मीदवारों ने दोहराया कि चुनाव जीतने के बाद वे अगले पांच वर्षों तक कांग्रेस पार्टी के साथ रहेंगे।
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उम्मीदवारों ने शपथ लेते हुए कहा, ‘देवी महालक्ष्मी के चरणों में हम सभी 36 लोग शपथ लेते हैं कि हम कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे, जिसने हमें टिकट दिया है। इसी तरह की शपथ उन्हें बम्बोलिम क्रॉस के एक पुजारी ने दिलाई थी। बाद में उनमें से 34 पुरुष उम्मीदवारों ने बेटिम की एक मस्जिद में चादर चढ़ाई थी।
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बता दें कि एडीआर की एक रिपोर्ट के अनुसार गोवा में बीते पांच साल में लगभग 24 विधायकों ने एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थामा है, जो 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या का 60 प्रतिशत है। एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस मामले में गोवा ने एक विचित्र रिकॉर्ड कायम किया है, जिसकी भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती।
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