आगरा (उत्तर प्रदेश), 20 अक्टूबर (भाषा) शहर के जगदीशपुरा थाना के मालखाने से 25 लाख रुपये चुराने के आरोपी व्यक्ति की कथित रूप से पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में प्रशासन ने बुधवार को पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को सफाईकर्मी की नौकरी देने का वादा किया है।
प्रशासन ने बताया कि मालखाने में हुई चोरी और आरोपी की हिरासत में हुई मौत के मामले में अभी तक 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
आगरा के जिलाधिकारी पी. एन. सिंह ने बताया कि प्रशासन की अनुशंसा पर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सफाईकर्मी की नौकरी देने का फैसला लिया गया है।
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने आज बताया कि चोरी के पैसे बरामद करने के लिए मंगलवार की रात आरोपी अरुण के आवास की तलाशी ली गई और इस दौरान अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि आरोपी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि अरुण पर शनिवार की रात थाने के मालखाना (थाने में वह कमरा जहां जब्त की गई वस्तुएं रखी जाती हैं) से नकदी चुराने का आरोप है। वह थाने में सफाईकर्मी का काम करता था।
मालखाने से चोरी और हिरासत में आरोपी की मृत्यु के मामले में आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी. ने अभी तक कुल 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। छह लोगों इंसपेक्टर अनूप कुमार तिवारी, एसआई रामनिवास, आरक्षी सुखवीर सिंह, जितेंद्र सिंह और हैड मौहर्रिर प्रताप भान सिंह समेत एक महिला सिपाही साजदा को पहले निलंबित किया गया था। वहीं इंस्पेक्टर आंनद शाही, एसआई योगेंद्र, सिपाही सत्यम, सिपाही रूपेश, सिपाही महेंद्र को आज निलंबित किया गया है।
पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को पकड़ा। उनमें से अरुण भी एक था, क्योंकि वह मालखाना में जा सकता था। अरुण को मंगलवार को आगरा के ताजगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया। उसने पहचान छुपाने के लिए अपना सिर मुंडा लिया था।
आगरा के एसएसपी ने बताया, ‘‘पुलिस दल चोरी को लेकर विभिन्न संदिग्धों से पूछताछ कर रहा था। मंगलवार की शाम लोहामंडी क्षेत्र निवासी अरुण को पुलिस हिरासत में लिया गया।’’
उन्होंने बताया, ‘‘पूछताछ के दौरान अरुण ने चोरी करना स्वीकार किया और बताया कि चोरी के पैसे उसके घर में रखे हैं।’’
अरुण की तबियत बिगड़ने और उसकी मौत होने से पहले पुलिस ने उसके घर की तलाशी में 15 लाख रुपये बरामद कर लिए थे।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अरुण के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट के आधार पर समुचित कार्रवाई की जाएगी। अरुण के भाई सोनू की ओर से मिली तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
इसबीच जिला कांग्रेस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम हाउस पर एकत्र वाल्मिकी समाज के लोगों ने वहां पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे पार्टी के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू की पिटाई कर दी जिसमें उन्हें चोटें आयी हैं।
इस कथित घटना के बाद जिला कांग्रेस प्रवक्ता अनुज शिवहरे ने भी आरोप लगाया है कि उनकी भी पिटाई की गई है।
वहीं, वाल्मिकी समुदाय के लोग अरुण के मृत्यु के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं। समुदाय के स्तानीय नेताओं ने कहा है कि इस मामले में जबतक निष्पक्ष जांच शुरू नहीं होती तब तक वे ”महर्षि वाल्मीकि जयंती’ नहीं मनाएंगे।
भाषा सं अर्पणा उमा
उमा
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