मैनपुरी (उप्र) दो दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके परिवार को निशाना बनाते हुए उनके समाजवाद की नई परिभाषा बताई।
अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ”शिवपाल का समाजवाद है जिसकी लाठी, उसकी भैंस।”
योगी ने कहा कि ” (सपा महासचिव) प्रो. रामगोपाल यादव का समाजवाद पूंजीवाद में बदल गया। सब धऱती गोपाल की। नोएडा से लेकर फिरोजाबाद तक जो भी धरती दिखाई देती थी, सपा सरकार में उन्होंने एवं शागिर्दों ने हथियाने में कोताही नहीं की जबकि अखिलेश जी का समाजवाद अवसरवादी है।”
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से उनके प्रतिनिधित्व वाली मैनपुरी संसदीय सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के मतदान के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य के समर्थन में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”यह (सपा) जेपी व लोहिया का समाजवाद नहीं है। चाचा शिवपाल लोहिया के बारे में लिखते हैं, लेकिन उन्हें मालूम नहीं कि क्या लिख रहे हैं। समाजवाद के अलग-अलग ब्रांड एक खानदान में दिख जाते हैं।”
योगी का कहना था कि उन्हें लगता है कि समाजवादी नाम रखना भी जनता को भ्रम में रखने जैसा है क्योंकि इन्होंने सिर्फ अपने परिवार का विकास किया, यदि कोई गरीब उभरने का प्रयास किया तो उसके साथ क्या हुआ, सभी जानते हैं।
योगी ने दावा किया कि सपा हर उपचुनाव में डिंपल जी को हारने के लिए आगे करती है। उन्होंने कहा कि मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र को समाजवाद नहीं, रामराज्य चाहिए, जहां बिना भेदभाव योजनाओं का लाभ हर नौजवान, गरीब, किसान, बहन-बेटियों को मिले।
भाजपा उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य का मैनपुरी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव से मुकाबला है। डिंपल के उम्मीदवार बनाये जाने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव सभी मतभेद भुलाकर चौथी बार एक साथ आकर परिवार की एकजुटता और डिंपल यादव की जीत के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
योगी ने यादव परिवार के झगड़े की ओर संकेत करते हुए कहा कि ”शिवपाल के साथ क्या हुआ, सब जानते हैं। पिछली बार जसवंतनगर (शिवपाल जिस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं) नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के नाते मिल गई, अगली बार वह भी नहीं मिलने वाली।”
उल्लेखनीय है कि डिंपल यादव 2019 में सुब्रत पाठक से कन्नौज में और 2009 में राज बब्बर से फिरोजाबाद में लोकसभा का चुनाव हार चुकी हैं।
योगी ने अखिलेश यादव के प्रतिनिधित्व वाले विधानसभा क्षेत्र करहल का जिक्र करते हुए कहा कि आठ महीने में करहल वालों ने दूसरी बार विधायक का दर्शन नहीं किया जबकि हमारे केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल जनता के लिए वहां 27 बार गए।
बघेल 2022 के विधानसभा चुनाव में करहल में बतौर भाजपा उम्मीदवार अखिलेश यादव से पराजित हो गये थे
भाषा आनन्द राजकुमार
राजकुमार
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