एएमयू के छात्र ने लगाया प्रधानमंत्री की तारीफ करने पर बदले की कार्रवाई का आरोप

एएमयू के छात्र ने लगाया प्रधानमंत्री की तारीफ करने पर बदले की कार्रवाई का आरोप

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  • Publish Date - December 2, 2021 / 10:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), दो दिसंबर (भाषा) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक छात्र ने एएमयू पर कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने पर उसकी डिग्री में विषय का नाम गलत तरीके से बदलने का आरोप लगाया है।

एएमयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि दानिश रहीम नामक छात्र ने ‘लैंग्वेज फॉर एडवरटाइजिंग मार्केटिंग एंड मीडिया’ में पीएचडी के लिए आवेदन किया था और उसे जो डिग्री दी गई उसमें उसके विषय के कॉलम में गलती से ‘लिंग्विस्टिक्स’ लिख गया है। विश्वविद्यालय ने इसका पता लगने पर दानिश से डिग्री वापस मांगी है ताकि उसमें आवश्यक संशोधन किया जा सके।

दानिश ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उसे दी गई डिग्री में विषय को गलत तरीके से बदला गया, क्योंकि पिछले साल दिसंबर में उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी और उसे अब इसकी सजा दी जा रही है।

उसका आरोप है कि उसे संकाय में नियुक्ति से वंचित करने के लिए विश्वविद्यालय ने हरकत की है। इस नियुक्ति के लिए उसने इसी साल आवेदन किया था।

हालांकि एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफ़े किदवाई ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ के मुद्दे को गलत तरीके से खींचने की कोशिश की जा रही है। दानिश को वह सोशल मीडिया पोस्ट करने के बाद डिग्री दी जा रही है लिहाजा इसमें बदले की कार्रवाई ऐसी कोई बात ही नहीं है, हो सकता है कि विश्वविद्यालय की तरफ से भूलवश कोई त्रुटि हुई हो।

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति बनाई गई है। उसकी रिपोर्ट मिलने पर फौरन कार्रवाई की जाएगी। दानिश ने इस मामले को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका भी दाखिल की है जिस पर सात दिसंबर को सुनवाई हो सकती है।

दानिश ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पिछले साल दिसंबर में एएमयू के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑनलाइन संबोधन के बाद उसने उनकी तारीफ की थी। उसके फौरन बाद भाषा विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. जे. वारसी ने उसे अपने दफ्तर बुलाकर राजनीतिक बयानबाजी से परहेज करने की हिदायत दी थी।

हालांकि प्रोफेसर वारसी ने दानिश के इस आरोप को झूठा करार दिया है। उनका कहना है कि इस मामले में प्रधानमंत्री का नाम इसलिए खींचा जा रहा है ताकि असल मुद्दे को दूसरा मोड़ दिया जा सके।

प्रोफेसर वारसी ने एक लिखित बयान में कहा कि उन्होंने दानिश से अपने दफ्तर या किसी और जगह मुलाकात नहीं की, यहां तक कि उनकी उससे कभी फोन पर भी बात नहीं हुई और जहां तक पीएचडी की डिग्री का सवाल है तो दानिश ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

भाषा सं सलीम शोभना

शोभना