लखनऊ, 27 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित हो गया।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव द्वारा दिये संशोधन प्रस्ताव पर मतदान कराया। सत्तापक्ष के सदस्यों ने संशोधन प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया।
अखिलेश यादव समेत सपा सदस्यों ने राज्यपाल के अभिभाषण में कानून—व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने, महिलाओं के यौन शोषण, उत्पीड़न व अत्याचार रोकने की ठोस कार्ययोजना बनाने, प्रदेश में निरंतर बढ़ रहे बलात्कार, डकैती, चोरी, लूट, हत्या, जातीय हिंसा आदि को रोकने के लिए ठोस नीति संबंध कई बिंदुओं को जोड़ने के लिए प्रस्ताव दिया था।
अध्यक्ष ने संशोधन प्रस्ताव के विरोध में सदस्यों की संख्या अधिक होने की वजह से इसे अस्वीकृत कर दिया।
सत्तापक्ष की डाक्टर मंजू सिवाच ने अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा जो विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के विरोध के बावजूद सत्ता पक्ष के सदस्यों के बहुमत होने से पारित हो गया।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच शुरू हुआ। शोरगुल के बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सदन में अपना अभिभाषण पढ़ा।
अभिभाषण शुरू होने से पहले ही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक बैनर और पोस्टर लेकर सदन के बीचों बीच आ गए और नारेबाजी करने लगे। सपा सदस्यों ने ‘गवर्नर गो बैक’ के नारे लगाए थे। एक घंटे तक पढ़े गए अभिभाषण में राज्यपाल ने राज्य सरकार की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र किया और कानून—व्यवस्था, महिला सशक्तिकरण समेत विभिन्न मुद्दों पर सरकार के प्रयासों की सराहना की थी।
उन्होंने अपने अभिभाषण में पिछली सरकार (2017—2022) की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि ”पूर्व की भांति मेरी सरकार प्रदेशवासियों को पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन तथा ईमानदार व संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहेगी।
भाषा आनन्द
रंजन
रंजन
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