भाजपा लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ और रामपुर सीट पर विजयी, सपा को झटका |

भाजपा लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ और रामपुर सीट पर विजयी, सपा को झटका

भाजपा लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ और रामपुर सीट पर विजयी, सपा को झटका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : June 26, 2022/6:40 pm IST

लखनऊ (उप्र), 26 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा ने राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) को झटका देते हुए दोनों सीट पर कब्जा कर लिया।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के विधायक बनने के बाद उनके इस्तीफे से रिक्त हुई क्रमश: आजमगढ़ और रामपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली।

आजमगढ़ में बसपा ने त्रिकोणीय लड़ाई बनाई, लेकिन वह रामपुर में चुनाव मैदान में नहीं उतरी। रामपुर में भाजपा के घनश्याम लोधी ने सपा के आसिम राजा को 42,192 मतों के अंतर से हराया।

आजमगढ़ में भोजपुरी गायक और अभिनेता भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के धर्मेंद्र यादव के खिलाफ आठ हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की।

निर्वाचन आयोग के अनुसार रामपुर में घनश्याम लोधी को कुल 3,67,397 वोट मिले जबकि आसिम राजा को 3,25,205 वोट मिले।

इस निर्वाचन क्षेत्र में तीसरे नंबर के मतदाताओं ने नोटा (किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देने का विकल्प) के लिए बटन दबाए और कुल 4,450 मत दिए। यहां भाजपा और सपा के अलावा किसी प्रमुख दल ने चुनाव नहीं लड़ा।

चुनाव जीतने के बाद लोधी ने कहा, ‘यह रामपुर के लोगों की जीत है।’ उन्होंने कहा कि वह अब उनके ‘चौकीदार’ के रूप में काम करेंगे।

इस बीच पत्रकारों से बातचीत में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने चुनावों में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया और चुनौती देते हुए उन्होंने कहा ‘ईमानदारी से चुनाव हो जाए। मैं कहता हूं अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत आये। वह यहां चुनाव कराए। खुले मैदान में चुनाव हो जाए। अगर हम हार गए तो राजनीति का मैदान हमेशा के लिए छोड़ देंगे।’

आजमगढ़ में भाजपा, सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। वहां भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के धर्मेंद्र यादव को आठ हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया।

निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार यहां समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में निरहुआ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के धर्मेंद्र यादव को 8679 मतों से हराया।

निरहुआ तो 3,12,768 मत मिले, जबकि धर्मेंद्र यादव को 3,04,089 मत मिले। कड़े मुकाबले में बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने भी 266210 मत हासिल किये।

आजमगढ़ में 5369 लोगों ने नोटा (किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देने का विकल्प) का बटन दबाकर उसे चौथा स्थान दिया।

निरहुआ ने एक ट्वीट में कहा, ‘यह लोगों की जीत है। आजमगढ़ के निवासियों ने अद्भुत काम किया है। यह उनकी जीत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आप सभी ने उपचुनाव की घोषणा के बाद समर्थन, स्नेह और आशीर्वाद दिया, यह आपकी जीत है।

आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने अपनी पराजय के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के ‘गठबंधन’ को जिम्मेदार करार दिया है।

यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में उपचुनाव में अपनी हार के कारणों के बारे में पूछे जाने पर कहा ‘मैं अपनी हार के लिए भाजपा और बसपा के गठबंधन को बधाई दूंगा, जो प्रत्यक्ष तौर पर राष्ट्रपति के चुनाव भी सामने आ गया और आजमगढ़ के चुनाव में पहले से ही चल रहा था।’ उन्होंने कहा कि अगर वे दोनों गठबंधन करके उन्हें हराकर खुश हैं, तो वे अपनी खुशी का इजहार जरूर करें।

रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजों से उत्साहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि इन परिणामों के जरिए जनता ने वर्ष 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ‘दूरगामी संदेश’ दे दिया है।

योग ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘जनता ने इस विजयश्री के माध्यम से उत्तर प्रदेश में 2024 की विजयश्री के लिए दूरगामी संदेश भी दिया है। आज की विजय ने यह संदेश बहुत स्पष्ट रूप से सभी के सामने प्रस्तुत किया है कि 2024 में भाजपा उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ 80 में से 80 सीट पर विजय श्री की ओर अग्रसर हो रही है।’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी नेता आजम खान के क्रमश: आजमगढ़ और रामपुर सीटों से इस्तीफे के कारण उपचुनाव कराना पड़ा। दोनों नेताओं ने इस साल की शुरुआत में हुए चुनावों में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद का पद छोड़ दिया था।

आजमगढ़ में मतगणना के दौरान सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव की स्ट्रांग रूम में कथित तौर पर प्रवेश न करने देने को लेकर सुरक्षाकर्मियों से बहस हो गई। यादव ने आरोप लगाया कि ”ईवीएम बदलने की कोशिश की जा रही है और इसलिए उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया।”

आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनुराग आर्य ने कहा, “जो लोग अधिकृत थे, उन्हें ‘तलाशी’ के बाद प्रवेश की अनुमति दी गई। दोनों सीट पर 23 जून को मतदान को हुआ था। इस दौरान आजमगढ़ में 49.43 फीसदी, जबकि रामपुर में 41.39 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर में 63.19 प्रतिशत और आजमगढ़ में 57.56 मतदान दर्ज किया गया था।

दोनों सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव में 19 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए 35 लाख से अधिक मतदाता मतदान के पात्र थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां आजमगढ़ और रामपुर दोनों क्षेत्रों में सक्रिय रूप से प्रचार किया, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उपचुनाव में प्रचार नहीं किया। आजमगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने लोगों से कहा था कि आजमगढ़ को आर्यमगढ़ बनाने का मौका न गंवाएं।

उन्होंने कहा कि मुगल काल में आजमगढ़ को आर्यमगढ़ के नाम से जाना जाता था और तब इसका नाम बदलकर आजमगढ़ कर दिया गया था।

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीट में से भारतीय जनता पार्टी ने 62, अपना दल (एस) ने दो, बहुजन समाज पार्टी ने 10 और सपा ने पांच सीट जीती थी। कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी।

तब सपा और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। ताजा चुनाव परिणाम आने के बाद अब लोकसभा में उत्तर प्रदेश में भाजपा की 64 सीट हो जाएंगी और सपा की घटकर तीन सीट रह जाएगी।

भाषा आनन्द संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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