एएमयू छात्रावासों में ‘सफाई’ अभियान शुरू होगा

एएमयू छात्रावासों में 'सफाई' अभियान शुरू होगा

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  • Publish Date - May 16, 2024 / 07:01 PM IST,
    Updated On - May 16, 2024 / 07:01 PM IST

अलीगढ़ (उप्र), 16 मई (भाषा) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने कोविड के बाद परिसर में अनाधिकृत रूप से रहने वाले ‘अवैध कब्जेदारों’ को निकालने के लिये सभी छात्रावासों में ‘सफाई अभियान’ शुरू करने का निर्णय लिया है।

एएमयू के प्रॉक्टर एम. वसीम अली ने बृहस्पतिवार को बताया कि 16 जून से विश्वविद्यालय गर्मियों की छुट्टियों के लिए बंद हो जाएगा, तब छात्रावासों रहने वाले विद्यार्थियों को अपना सामान अपने कमरों से हटाना होगा।

उन्होंने कहा कि अगर कोई सामान ऐसा है जिसे घर वापस नहीं ले जाया जा सकता है, तो विद्यार्थियों को उसके बारे में छात्रावास के अधिकारियों को सूचित करना होगा। उनका कहना था कि ऐसे हालात में वह सामान रखने की सुविधा दी जाएगी तथा बाद में वे छात्र नए आवंटन आदेश प्राप्त करने के बाद उस सामान को फिर से हासिल कर सकेंगे।

अली ने कहा कि यह ऑपरेशन ‘क्लीन-अप’ अवैध कब्जेदारों को एएमयू परिसर से हटाने के लिहाज से काफी अहम है, ऐसा इसलिये है क्योंकि कुछ तत्व पिछले कुछ वर्षों के दौरान कानून तोड़ने वाली गतिविधियों में कथित तौर पर शामिल रहे हैं।

इस सवाल पर कि इस तरह के सफाई अभियान पहले भी चलाए गए थे, लेकिन उन्हें ‘तार्किक निष्कर्ष’ तक नहीं पहुंचाया गया, तो उन्होंने कहा, ”इस बार हम आवासीय प्रणाली में छात्रावास पदाधिकारियों की मदद से एक पुख्ता योजना बना रहे हैं और हमें उम्मीद है कि ऐसे अवैध अराजक तत्व, जो अनावश्यक रूप से एएमयू को बदनाम करते हैं, अब परिसर में आवासीय सुविधाओं का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे।”

एएमयू मुख्य रूप से एक आवासीय विश्वविद्यालय है और इसके लगभग 20 छात्रावासों में 15 हजार से अधिक विद्यार्थी रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान इन छात्रावासों में हिंसक झड़पों की कई घटनाएं सामने आयी हैं।

पुलिस जांच में यह बात हमेशा सामने आई थी कि हिंसा की लगभग सभी घटनाओं में ‘बाहरी तत्व’ शामिल थे जो किसी तरह परिसर में शरण लेने में कामयाब हो जाते हैं। हालांकि कोई भी अधिकारी सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि इस तरह की ‘घुसपैठ’ छात्रावास के प्रशासनिक तंत्र की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकती।

इस बार विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि वे जांच तंत्र में व्याप्त ‘सभी खामियों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध’ हैं।

प्रॉक्टर ने कहा कि वह इस ऑपरेशन ‘क्लीन-अप’ में पुलिस और जिला अधिकारियों की मदद लेने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करेंगे। हालांकि इसका प्रभाव अगस्त में विश्वविद्यालय के दोबारा खुलने पर ही दिखाई देगा।

भाषा सं. सलीम

राजकुमार

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