लखनऊ, सात सितंबर (भाषा) एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति रखने से जुड़े धनशोधन मामले में सुनवाई के लिए समन जारी किया है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि वह अपराध से हुयी आय से अर्जित संपत्ति के ‘आखिरी लाभार्थी’ हैं।
धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) संबंधी विशेष अदालत के न्यायाधीश सर्वेश कुमार ने सोमवार को जारी एक आदेश में प्रजापति को चार अक्टूबर को पेश होने को कहा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जोनल कार्यालय ने अप्रैल में प्रजापति और अन्य के खिलाफ पीएमएलए की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया था। एजेंसी आय से अधिक संपत्ति के आरोप से जुड़े एक मामले में धनशोधन संबंधी जांच कर रही है। प्रजापति तत्कालीन अखिलेश यादव नीत समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री थे।
अदालत ने कहा, ‘आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ विशिष्ट आरोप हैं कि उन्होंने आय के ज्ञात और कानूनी स्रोतों से 2,98,25,511 रुपये अधिक खर्च किए हैं, जब वह लोक सेवक के रूप में काम कर रहे थे।’’ इसके साथ ही अदालत ने कहा कि उनके द्वारा बेनामी संपत्ति अर्जित करने के प्रथम दृष्टया साक्ष्य हैं। उनके परिवार के सदस्यों और विभिन्न कंपनियों के बैंक खातों में उनके कहने पर पैसे जमा कराए गए थे। इन कंपनियों में वह निदेशक थे।
अदालत ने कहा कि कंपनियों के मामलों से संबंधित महत्वूपर्ण फैसले उनके द्वारा लिए गए थे और कंपनी के कामकाज पर उनका कड़ा नियंत्रण था।
अदालत ने कहा कि ईडी द्वारा लगाए गए ‘आरोपों और रिकॉर्ड में रखे गए दस्तावेज’ के आधार पर पीएमएलए की धाराओं के तहत प्रजापति के खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया’ मामला बनता है।
प्रजापति के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी का विश्लेषण करने के बाद ईडी ने इस साल की शुरुआत में धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
उत्तर प्रदेश में अवैध खनन के एक मामले में पहले से ही उनके खिलाफ जांच चल रही है।
भाषा अविनाश माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जातिवाद से ऊपर उठकर विकासवाद की राह पर चल पड़ा…
2 hours agoUPSRTC Bus New Rule : अब बसों के केबिन में…
4 hours ago