दिल्‍ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर को सीतापुर की अदालत में पेश किया, अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा |

दिल्‍ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर को सीतापुर की अदालत में पेश किया, अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा

दिल्‍ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर को सीतापुर की अदालत में पेश किया, अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : July 4, 2022/9:21 pm IST

सीतापुर (उप्र) चार जुलाई (भाषा) पत्रकार और ‘ऑल्ट न्यूज़’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को हिंदू संतों के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्‍पणी करने और धार्मिक भावना भड़काने के मामले में सोमवार को सीतापुर की एक अदालत में पेश किया गया।

सोमवार की दोपहर दिल्‍ली पुलिस ने सीतापुर के एक न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मोहम्मद जुबैर को पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। दिल्‍ली पुलिस बाद में जुबैर को वापस दिल्‍ली ले गई।

मोहम्मद ज़ुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है।

इसके पहले एक जून को हिंदू संत-महात्माओं को कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला बताने पर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ सीतापुर के खैराबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) एम पी सिंह ने बताया कि सीतापुर पुलिस ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ खैराबाद में दर्ज एक मामले में पेशी वारंट जारी किया था और उसे आज सीतापुर अदालत में पेश किया गया। एएसपी ने कहा कि अब जिला पुलिस ने पुलिस हिरासत के लिए अदालत में आवेदन किया है और अदालत के आदेशों के अनुसार कार्रवाई करेगी। एएसपी ने दिल्ली पुलिस को सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

सिंह ने तीन जून को बताया था कि हिंदू शेर सेना के जिलाध्यक्ष भगवान शरण द्वारा एक जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा-67 के तहत जुबैर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

उन्होंने बताया कि शरण ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि मोहम्मद जुबैर ने 27 मई को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- शाबाश विनीत जैन, टाइम्स।

प्राथमिकी के मुताबिक जुबैर ने आगे लिखा कि ‘‘ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के संबंध में जब हमारे पास पहले से ही एंकर हैं, जो न्यूज़ स्टूडियो से कहीं बेहतर काम कर सकते हैं तो हमें यति नरसिंहानंद सरस्वती या महंत बजरंग मुनी या आनंद स्वरूप जैसे नफरत फैलाने वाले लोगों की क्या जरूरत है जो एक समुदाय विशेष के खिलाफ बोलने के लिए धर्म संसद आयोजित करते हैं।’’

गौरतलब है कि पत्रकार मोहम्मद जु़बैर भारतीय जनता पार्टी की पूर्व नेता नूपुर शर्मा और साधुओं को ‘नफरत फैलाने वाले’ कहने के बाद चर्चा में आए थे।

भाषा सं आनन्द राजकुमार

राजकुमार

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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