कोलकाता की घटना के विरोध में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी, सुरक्षा उपायों की मांग की

कोलकाता की घटना के विरोध में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी, सुरक्षा उपायों की मांग की

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  • Publish Date - August 13, 2024 / 07:57 PM IST,
    Updated On - August 13, 2024 / 07:57 PM IST

(तस्वीर सहित)

लखनऊ, 13 अगस्त (भाषा) कोलकाता में एक डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों ने लगातार दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन किया। ‘रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों की मांग की है।

कोलकाता में एक डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के विरोध में प्रदेश में ग्रेटर नोएडा से लेकर वाराणसी और कानपुर, झांसी, आगरा, गोरखपुर जैसे शहरों के अलावा राजधानी लखनऊ में भी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में लगातार दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन हुए।

हालांकि, उत्तर प्रदेश ‘रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (आरडीए) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिन मेडिकल कॉलेजों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है, उनमें आपातकालीन सेवाएं जारी हैं।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले को महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान आदि से जुड़ा अति-महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दा बताया है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ”सरकारी, गै़र-सरकारी या जीवन के अन्य किसी भी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान आदि से जुड़ा यह अति-महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दा है जिसको लेकर सभी को जागरूक व सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि बंगाल की महिला डॉक्टर जैसी अति-दुखद व शर्मनाक घटनाएं न होने पाएं।”

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में शुक्रवार सुबह एक महिला चिकित्सक का शव मिला था और इस अपराध के सिलसिले में शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।

उत्तर प्रदेश ‘आरडीए’ के अध्यक्ष डॉक्टर हरदीप जोगी ने कहा कि एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी पत्र लिखकर हाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष की परास्नातक छात्रा की “भयावह” हत्या के मद्देनजर अस्पतालों में सुरक्षा उपायों की मांग की है।

सोमवार को भेजे गये नड्डा को संबोधित पत्र में कहा गया कि बलात्कार के बाद हत्या की घटना से परिसर की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही का पता चलता है।

इसमें कहा गया है, “आरडीए उत्तर प्रदेश इस युवती की मृत्यु पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है और इस तरह के जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार विफलताओं की कड़ी निंदा करता है। हमारे संस्थानों की सुरक्षा करने में असमर्थता प्रशासन और शासन की गंभीर चूक को दर्शाती है।”

आरडीए ने चिकित्सा समुदाय के सामने आने वाले ज्वलंत मुद्दों, डॉक्टरों के खिलाफ “बढ़ती हिंसा” और “बिगड़ती कार्य स्थितियों” पर चर्चा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री के साथ तत्काल एक बैठक की भी मांग की।

पत्र में कहा गया है, “भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”

डॉक्टरों के संघ ने चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई उपाय प्रस्तावित किए हैं, जिनमें पर्याप्त संख्या में पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना शामिल है।

‘आरडीए’ ने कहा, “इसके अलावा, हमने पश्चिम बंगाल सरकार से मामले को सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया है ताकि घटना की व्यापक और निष्पक्ष जांच की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।’

गोंडा से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर रेजिडेंट चिकित्सकों ने कोलकाता की घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा।

विरोध प्रदर्शन से अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुईं क्योंकि आपातकालीन वार्ड में केवल आवश्यक सेवाएं ही प्रदान की गईं।

कॉलेज के नोडल अधिकारी डॉक्टर कुलदीप पांडे ने कहा, ”वरिष्ठ और कनिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया और प्राचार्य डॉक्टर धनंजय श्रीकांत कोटस्थाने को ज्ञापन सौंपा।”

उन्होंने कहा, ”आंदोलनकारी डॉक्टरों की मांग है कि कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के मामले में सरकार सख्त कार्रवाई करे। साथ ही डॉक्टरों की समुचित सुरक्षा की व्यवस्था भी की जाए।”

वाराणसी से मिली खबर के अनुसार, इस घटना को लेकर वाराणसी के बीएचयू में मंगलवार को डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार के साथ ही विरोध प्रदर्शन किया। घटना के विरोध में डॉक्टरों ने बीएचयू के आईएमएस परिसर में प्रदर्शन किया।

रेजिडेंट डॉक्टर के मंगलवार को प्रदर्शन की वजह से ओपीडी सेवाएं निलंबित रहीं। रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस दौरान जम कर नारेबाजी करते हुए घटना की जांच सीबीआई से कराकर न्याय दिलाने की मांग की।

वहीं, आगरा से मिली खबर के मुताबिक, कोलकाता की घटना को लेकर आगरा के डॉ.सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में कनिष्ठ डॉक्टरों की दूसरे दिन भी हड़ताल रही जिससे ओपीडी सेवाएं निलंबित रहीं। इससे मरीज़ों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

एक हड़ताली कनिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “हमारी महिला चिकित्सक अस्पतालों में भी असुरक्षित हैं। हमारे यहां भी सुरक्षा सही नहीं है। रात में आपातकालीन वार्ड में ड्यूटी लगती है, लेकिन परिसर सुरक्षित नहीं है। गार्ड 24 घण्टे तैनात नहीं रहते हैं।”

भाषा किशोर सं आनन्द सलीम नोमान

नोमान