सभी को जल की एक-एक बूंद की कीमत समझना होगा : योगी आदित्यनाथ |

सभी को जल की एक-एक बूंद की कीमत समझना होगा : योगी आदित्यनाथ

सभी को जल की एक-एक बूंद की कीमत समझना होगा : योगी आदित्यनाथ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : July 22, 2022/6:15 pm IST

लखनऊ, 22 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेशवासियों से आवश्यकतानुसार ही जल का उपयोग किये जाने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी को जल की एक-एक बूंद की कीमत समझना होगा।

योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां लोक भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) के सभागार में ‘भूजल सप्ताह-2022 के राज्य स्तरीय समापन समारोह’ को संबोधित करते हुए कहा कि सभी को जल की एक-एक बूंद की कीमत को समझना होगा तथा पुराने सरोवर, तालाबों तथा कुओं को फिर से पुनर्जीवित करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल है तो जीवन है, जल और जीवन के इस सम्बन्ध को सभी जानते हैं, लेकिन इसके उचित प्रबंधन के बारे में जो प्रयास होना चाहिए, उसमें व्यक्ति चूक जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में नदियों में गंदगी न डालने के लिए लोग प्रोत्साहित करते थे, नदियों को पवित्र भाव से देखा जाता था और उसे मां जैसा दर्जा प्रदान किया गया।

सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने दावा किया कि विगत पांच वर्षों के दौरान प्रदेश में 60 से अधिक नदियों को पुनर्जीवित किया गया है। योगी ने बिना नाम लिए पूर्ववर्ती सरकारों को निशाना बनाते हुए कहा कि ये नदियां कभी उस क्षेत्र विशेष में कृषि उत्पादन की रीढ़ रही होंगी, लेकिन लापरवाही के कारण वे लुप्तप्राय सी हो गयी थीं।

उन्होंने कहा कि जन सहभागिता के माध्यम से ग्राम्य विकास और अन्य विभागों ने जल शक्ति विभाग के साथ मिलकर इनके पुनर्जीवन के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया और आज ये नदियां पुनर्जीवित हुई हैं।

योगी ने कहा कि भारतीय मनीषा इस बात को जानती है कि जल के बगैर जीव-जन्तु और सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती।

उल्लेखनीय है कि भूजल सप्ताह का आयोजन प्रदेश के सभी जिलों में 16 से 22 जुलाई के बीच किया गया है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश में जल संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली संस्थाओं व व्यक्तियों को सम्मानित किया।

योगी ने कहा कि जिस तेजी के साथ आबादी बढ़ी और औद्योगीकरण हुआ, उसके फलस्वरूप भूगर्भीय जल का दोहन भी बढ़ा, लेकिन उस अनुपात में भूगर्भीय जल के संरक्षण और संवर्धन के लिए जो कदम उठाये जाने चाहिए थे उनमें बीच के कालखण्ड में लापरवाही बरती गयी जिसका व्यापक असर प्रदेश के भूजल स्तर पर पड़ा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अनेक विकास खण्ड अतिदोहित की श्रेणी में आकर डार्क जोन की श्रेणी में चले गये थे। आज उन्हें धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लाने की कार्यवाही की जा रही है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने भूजल एटलस का विमोचन भी किया। भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए उत्तर प्रदेश को दिया गया सम्मान चिन्ह को मुख्यमंत्री को सौंपा गया।

भाषा आनन्द राजकुमार

राजकुमार

 

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