झांसी में नाबालिग किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पिता-पुत्र को 20-20 वर्ष कारावास की सजा

झांसी में नाबालिग किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पिता-पुत्र को 20-20 वर्ष कारावास की सजा

झांसी में नाबालिग किशोरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पिता-पुत्र को 20-20 वर्ष कारावास की सजा
Modified Date: October 15, 2025 / 12:38 am IST
Published Date: October 15, 2025 12:38 am IST

झांसी (उप्र) 14 अक्टूबर (भाषा) झांसी जिले की एक विशेष अदालत ने एक नाबालिग किशोरी से छेड़छाड़ करने और उसे आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। लोक अभियोजक ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अदालत ने दोनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने बताया कि मामले की सुनवाई पूरी कर विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) मोहम्मद नियाज़ अहमद अंसारी ने आरोपी कमल सिंह और उसके बेटे अमर सिंह को दोषी ठहराते हुए उन्हें 20-20 साल कैद की सजा सुनाई और दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

 ⁠

कुशवाहा ने बताया कि इस मामले में एक नाबालिग लड़के के खिलाफ मामला अब भी किशोर न्यायालय में लंबित है।

उन्होंने बताया कि यह मामला सात नवंबर, 2020 को जिले के एरच थाना में दर्ज किया गया था। पीड़ित परिवार ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया था कि कृष्णा नगर निवासी एक नाबालिग लड़का उनकी 16 वर्षीय बेटी को स्कूल जाते समय परेशान कर रहा था।

प्राथमिकी में कहा गया कि जब लड़की ने लड़के के दादा कमल सिंह से शिकायत की, तो उन्होंने कथित तौर पर परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया। घटना वाले दिन, लड़के ने ट्यूशन से लौटते समय लड़की को फिर से परेशान किया। जब लड़की के परिवार ने इस मामले को लेकर कमल सिंह से बात की, तो वह और उसका बेटा अमर सिंह कथित तौर पर लड़की के घर गए और उसके परिवार को गालियां दीं और लड़की को जान से मारने की धमकी दी।

अभियोजन पक्ष ने बताया कि पिता-पुत्र ने पीड़िता की मां से कथित तौर पर कहा, ‘‘तुम्हारी बेटी मर क्यों नहीं जाती? अगर वह नहीं मरती तो हम उसे मार देंगे।’’ उन्होंने बताया कि इस घटना से आहत होकर लड़की ने एक सुसाइड नोट लिखा और ज़हर खा लिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

पीड़ित परिवार की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कमल, उसके बेटे अमर और उसके पौत्र (नाबालिग लड़के) पर छेड़छाड़ और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था।

भाषा सं आनन्द धीरज

धीरज


लेखक के बारे में