सुलतानपुर (उप्र), नौ दिसंबर (भाषा) सुलतानपुर जिले की सांसद/विधायक अदालत में मंगलवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से जुड़े एक मानहानि मामले की सुनवाई एक अधिवक्ता के निधन होने के कारण टल गई और अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख तय की है।
गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को गवाह रामचंद्र दुबे से जिरह होनी थी, लेकिन एक अधिवक्ता के निधन और शोक प्रस्ताव के कारण अदालत को सुनवाई स्थगित करनी पड़ी।
गवाह रामचंद्र दुबे ने भी अपनी पत्नी के इलाज के लिए स्थगन प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
अब 12 दिसंबर को गवाह रामचंद्र दुबे से राहुल गांधी के अधिवक्ता जिरह करेंगे। आठ दिसम्बर को भी गवाह रामचंद्र दूबे से जिरह हुई थी, लेकिन जिरह पूरी न होने पर अदालत ने मंगलवार को सुनवाई के लिए समय दिया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजय मिश्रा ने राहुल गांधी के खिलाफ चार अगस्त 2018 को मानहानि का मुकदमा दायर कराया था। इसमें आरोप लगाया कि आठ मई 2018 को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बेंगलुरु में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री को हत्या का ‘‘अभियुक्त’’ कहा था।
शिकायतकर्ता ने गांधी की उस टिप्पणी का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि ईमानदार और स्वच्छ राजनीति में विश्वास करने का दावा करने वाली भाजपा के अध्यक्ष हत्या के एक मामले में ‘‘आरोपी’’ हैं। जब गांधी ने यह टिप्पणी की तब शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
हालांकि, राहुल गांधी की टिप्पणी से लगभग चार साल पहले ही मुंबई की एक विशेष केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने वर्ष 2005 के एक फर्जी मुठभेड़ के मामले में शाह को बरी कर दिया था।
इस मामले में पांच साल से अदालती कार्यवाही चल रही है। दिसंबर 2023 में राहुल गांधी के पेश न होने पर तत्कालीन न्यायाधीश ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था।
फरवरी 2024 में राहुल गांधी ने अदालत में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद विशेष न्यायाधीश ने उन्हें 25-25 हजार रुपये के दो मुचलकों पर जमानत दी। 26 जुलाई 2024 को राहुल गांधी ने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया था।
उनके बयान के बाद अदालत ने वादी को साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। तब से लगातार गवाह पेश किए जा रहे हैं, और अब तक केवल एक गवाह से जिरह पूरी हो पाई है।
भाषा सं आनन्द संतोष
संतोष