लखनऊ, एक फरवरी (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने प्रांतीय सेवाओं के शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष निर्धारित की है।
पीठ ने कहा कि सरकारी एलोपैथिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है, लेकिन होम्योपैथिक चिकित्सकों के सेवानिवृत्त होने की आयु 60 वर्ष है, जो समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की खंडपीठ ने होम्योपैथिक चिकित्सक सुरेन्द्र यादव की याचिका पर यह आदेश पारित किया।
यादव ने दलील दी थी कि 2017 में प्रांतीय सेवा के एलोपैथिक चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई थी लेकिन होम्योपैथिक चिकित्सकों के साथ भेदभाव किया गया। उन्होंने उन्हें 31 दिसंबर 2021 को 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त किए जाने पर सवाल उठाया था।
याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध किया गया।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि जो एलोपैथी चिकित्सक प्रांतीय सेवा से हैं, उनके सेवानिवृत्ति की उम्र को 62 वर्ष कर देना जबकि होम्योपैथिक चिकित्सकों को यह लाभ न देना, संविधान में प्रदत्त समता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
भाषा सं आनन्द सिम्मी
सिम्मी