हमीरपुर, 27 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश की सुजानपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में 2022 के चुनाव जैसा ही मुकाबला दिख रह है। उपचुनाव में दोनों पुराने प्रतिद्वंद्वी राजिंदर सिंह राणा और रणजीत सिंह आमने-सामने हैं, फर्क इतना है कि उन्होंने अपनी पार्टियां बदल ली हैं।
राणा कांग्रेस से बागी होकर हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। वहीं, राणा को सुजानपुर उपचुनाव के लिए भाजपा का उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज सेवानिवृत्त कैप्टन रणजीत सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए 2022 में हुए चुनाव में राणा ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और रणजीत को 399 वोटों के मामूली अंतर से हराया था।
वह कांग्रेस के उन छह विधायकों में एक थे जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में पार्टी से अलग राह पकड़ते हुए भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था। उसके बाद उन्हें अयोग्य करार दिया गया था।
राज्यसभा के लिए 27 फरवरी को हुए चुनाव में तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। जिन छह विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के बागियों को अयोग्य ठहराए जाने के कारण उपचुनाव हो रहे हैं उनमें सुजानपुर सीट चर्चा का विषय बन गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राणा और पांच पूर्व विधायकों को ‘बिकाऊ’ करार देते हुए उनके खिलाफ अभियान चलाया था।
कभी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के विश्वासपात्र रहे राणा ने 2012 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत कर दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
राणा ने 2017 में विधानसभा चुनाव जीता और भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार धूमल को हराकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 2022 के चुनाव में भी अपनी सीट बरकरार रखी, लेकिन सरकार बनने के 15 महीने बाद ही उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। उसके बाद वह फिर भाजपा में शामिल हो गए।
सुजानपुर क्षेत्र हमीरपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, जहां से धूमल के पुत्र एवं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर चुनाव लड़ रहे हैं। नाटकीय रूप से बदली परिस्थितियों में धूमल परिवार और उनके समर्थकों के पास राजिंदर राणा का समर्थन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
रणजीत सिंह के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जोर-शोर से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने राणा पर ‘पैसे के लिए अपनी आत्मा बेचने’ का आरोप लगाया। इसी के साथ उन्होंने मतदाताओं से ‘धनबल को जनबल से’ हराने और विद्रोहियों को विश्वासघात के लिए दंडित करने का आग्रह किया।
पिछले हफ्ते हिमाचल के ऊना जिले में एक रैली के दौरान सुक्खू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के बागी भ्रष्ट हैं और वे सलाखों के पीछे जाएंगे। उन्होंने यहां तक दावा किया कि कांग्रेस के छह बागियों और तीन निर्दलीय विधायकों को 15-15 करोड़ रुपये दिए गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर वहीं राणा के लिए प्रचार कर रहे हैं।
राणा ने दावा किया कि उन्हें इस चुनाव में भी जीत मिलेगी। वहीं सिंह ने दावा किया कि उन्हें पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का पूरा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने दावा किया कि राणा ने क्षेत्र के लोगों को धोखा दिया है जिसके कारण सुजानपुर निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य प्रभावित हुए हैं।
भाषा प्रीति अविनाश
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