ज्ञानवापी परिसर में जलाभिषेक का ऐलान करने वाले हिंदू नेता गिरफ्तार |

ज्ञानवापी परिसर में जलाभिषेक का ऐलान करने वाले हिंदू नेता गिरफ्तार

ज्ञानवापी परिसर में जलाभिषेक का ऐलान करने वाले हिंदू नेता गिरफ्तार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : August 8, 2022/9:23 pm IST

वाराणसी (उप्र) आठ अगस्त (भाषा) विवादित ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी में दर्शन पूजन और जलाभिषेक का ऐलान करने वाले विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक और चार अन्य कार्यकर्ताओं को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

काशी के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) आर एस गौतम ने बताया कि विश्व हिंदू सेना और शिवसेना की ओर से सावन के अंतिम सोमवार को ज्ञानवापी परिसर में दर्शन पूजन और जलाभिषेक करने का ऐलान किया गया था, जिसको लेकर अलर्ट जारी किया गया था।

भेलूपुर पुलिस ने बताया कि अरुण पाठक और उनके चार कार्यकर्ताओं को अस्सी घाट पर पूजन के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया है।

अरुण पाठक ने एक बयान जारी कर कहा था कि हर बार की तरह इस बार भी सावन के अंतिम सोमवार को वह 11 बजे अस्सी घाट से भक्तों और कार्यकर्ताओं के साथ श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन और जलाभिषेक के लिए निकलेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में सुभाष चन्द्र बोस की प्रपौत्री राजश्री चौधरी मुख्य अतिथि थी, जिनको रविवार को ही प्रयागराज में पुलिस ने नजरबंद कर लिया है।

गौरतलब है कि हिंदू पक्ष से राखी सिंह तथा अन्य ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी में विग्रहों की सुरक्षा और नियमित पूजा पाठ के आदेश देने के आग्रह के संबंध में वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में याचिका दायर की थी जिसके आदेश पर पिछले मई माह में ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था। इस दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था। सर्वे की रिपोर्ट पिछली 19 मई को अदालत में पेश की गई थी।

मुस्लिम पक्ष ने वीडियोग्राफी सर्वे पर यह कहते हुए आपत्ति की थी कि निचली अदालत का यह फैसला उपासना स्थल अधिनियम 1991 के प्रावधानों के खिलाफ है और इसी दलील के साथ उसने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था। न्यायालय ने वीडियोग्राफी सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन मामले को जिला अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।

इसके बाद से इस मामले की सुनवाई जिला अदालत में चल रही है।

भाषा सं आनन्द रंजन

रंजन

 

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