मेरी गिरफ्तारी नहीं हुई है, मामले की जांच में सहयोग के लिए तैयार : डॉ. बाबर

मेरी गिरफ्तारी नहीं हुई है, मामले की जांच में सहयोग के लिए तैयार : डॉ. बाबर

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  • Publish Date - November 12, 2025 / 04:11 PM IST,
    Updated On - November 12, 2025 / 04:11 PM IST

सहारनपुर, 12 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ‘फेमस मेडिकेयर’ अस्पताल के चिकित्सक डॉ. बाबर ने बुधवार को उन अफवाहों का खंडन किया कि उन्हें उनके सहयोगी डॉ. आदिल अहमद की गिरफ्तारी के बाद हिरासत में लिया गया है। आदिल पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने का आरोप है।

डॉ.बाबर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह अस्पताल में ‘‘मौजूद’’ हैं और किसी से भी मिलने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहा हूं, लेकिन लोगों को झूठी अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए।’’

डॉ.बाबर ने स्पष्ट किया कि वह पिछले तीन वर्षों से अस्पताल में कार्यरत हैं, जबकि डॉ. आदिल मार्च में यहां आया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उससे अस्पताल में आने के बाद ही मिला था। इससे पहले, मेरा उससे कोई परिचय नहीं था। उसका व्यवहार विनम्र और पेशेवर था। न तो मरीजों और न ही अस्पताल के कर्मचारियों ने कभी उसके खिलाफ कोई शिकायत की थी।’’

आदिल की आतंकी गतिविधियों में कथित संलिप्तता पर निराशा व्यक्त करते हुए डॉ. बाबर ने कहा, ‘‘यह दुखद है कि इतने पढ़े-लिखे लोग शर्मनाक हरकतों में संलिप्त हैं।’’

आदिल की शादी में शामिल होने के सवाल पर डॉ. बाबर ने कहा, ‘‘अस्पताल से हम चार लोग उसकी शादी में शामिल हुए थे। हम एक साथी डॉक्टर की शादी में सहकर्मी के तौर पर गए थे, किसी आतंकवादी की शादी में नहीं।’’

उन्होंने बताया कि आदिल ने अपनी शादी की खरीदारी सहारनपुर में की थी और कई बार सामान अस्पताल भी लाया था।

डॉ. बाबर ने कहा, ‘‘हम शादी से दो दिन पहले कुछ दर्शनीय स्थलों की यात्रा करने कश्मीर पहुंचे थे। बारात वाले दिन, हम बारात में शामिल नहीं हुए क्योंकि केवल चार लोगों को ही जाने की अनुमति थी। इसके बजाय हम पर्यटन स्थालों को देखने चले गए। शादी के माहौल में कुछ भी संदिग्ध नहीं था – यह किसी भी अन्य पारंपरिक मुस्लिम समारोह जैसा ही था।’’

उन्होंने कहा कि आदिल की पत्नी भी एक एमडी डॉक्टर हैं और आदिल अपने चिकित्सा पेशे में बेहद सक्षम है।

डॉ. बाबर ने बताया, ‘‘आदिल अपने चिकित्सा पेशे में बेहद कुशल था। उसका निदान और उपचार उत्कृष्ट था, और मरीज हमेशा संतुष्ट होकर लौटते थे।’’

उन्होंने याद किया कि आदिल से उनकी आखिरी मुलाक़ात उसी दिन हुई थी जिस दिन उसे गिरफ़्तार किया गया था।

डॉ. बाबर ने कहा, ‘‘उसने मुझे पहले बताया था कि उसकी मां की तबियत ठीक नहीं है और वह कुछ दिनों के लिए घर जा सकता है।’’

उन्होंने बताया कि आदिल कभी लैपटॉप का इस्तेमाल नहीं करता था और अस्पताल के समय में ही उसे कभी-कभार फ़ोन पर बात करते देखा जाता था।

डॉ.बाबर ने कहा, ‘‘मैं उसके घर और नर्सिंग होम में कई बार गया, लेकिन उसके काम या जीवनशैली से ऐसा कुछ भी नहीं मिला जिससे लगे कि वह राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो सकता है।’’

उन्होंने पुष्टि की कि उत्तर प्रदेश एसटीएफ और अन्य जांच एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की है और कहा, ‘‘मैं किसी भी एजेंसी के साथ सहयोग करने को तैयार हूं जो मुझसे बात करना चाहती है।’’

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग निवासी डॉ. आदिल अहमद को सात नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्थानीय पुलिस और विशेष अभियान समूह (एसओजी) की मदद से गिरफ़्तार किया था।

जांचकर्ताओं ने 11 नवंबर को सहारनपुर में उसकी गतिविधियों का पता लगाया, जहां वह पिछले छह महीनों से फेमस अस्पताल में काम कर रहा था। इससे पहले वह शहर के एक अन्य निजी अस्पताल में भी काम कर चुका था।

आदिल अंबाला रोड स्थित बापू विहार कॉलोनी में एक किराए के मकान में रह रहा था। स्थानीय लोगों के अनुसार, आदिल एक शांत किरायेदार था जो अकेले रहता था, लेकिन अक्सर देर रात उसके यहां मेहमान आते थे। कई गाड़ियां अक्सर बाहर खड़ी रहती थीं।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 28 अक्टूबर को श्रीनगर में कई इलाकों में प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टर दिखाई देने के बाद मामला दर्ज किया था। सीसीटीवी फुटेज में कथित तौर पर आदिल को पोस्टर चस्पा करते हुए देखा गया था, जिससे जांचकर्ताओं को पता चला कि वह सहारनपुर में है। उसे फेमस अस्पताल से हिरासत में लिया गया और ट्रांजिट रिमांड पर श्रीनगर पुलिस को सौंप दिया गया।

उसकी गिरफ्तारी के बाद, अस्पताल ने उसकी सेवा समाप्त कर दी।

अस्पताल प्रबंधक डॉ. मनोज मिश्रा ने बताया कि आदिल हमेशा विनम्र और पेशेवर रहा है और उसकी कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी।

दिल्ली में लाल किले के नजदीक सोमवार शाम को हुए विस्फोट में 12 लोग मारे गए थे और 20 से ज़्यादा घायल हो गए। यह घटना हरियाणा के फरीदाबाद में एक ‘‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’’ के खुलासे के कुछ दिनों बाद हुई, जिसका कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से संबंध था।

इस मामले में फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े तीन चिकित्सकों समेत आठ लोगों को गिरफ़्तार किया गया और छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए।

भाषा

सं, जफर धीरज रवि कांत