(अरुणव सिन्हा)
लखनऊ, 25 सितंबर (भाषा) जनता दल (यूनाइटेड) नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से 2024 का आम चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार करने के कुछ दिनों बाद पार्टी की उत्तर इकाई ने यह उम्मीद जताई है कि वह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ विपक्षी एकता का एक बड़ा संदेश देने के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे और यहां से चुनाव लड़ सकते हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के कुछ नेताओं ने भी इस विचार का स्वागत किया।
यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि नीतीश कुमार अगले आम चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश के तहत उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
जदयू की उत्तर प्रदेश इकाई के कार्यकर्ताओं ने भी उनसे चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन 20 सितंबर को नीतीश कुमार ने फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि ” मैं हैरान हूं, ऐसा कुछ नहीं है। बेकार बात है। मेरी दिलचस्पी सिर्फ 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अधिक से अधिक विपक्षी दलों को एकजुट करने में है। यह एक बड़ी उपलब्धि होगी और मुझे केवल उसी के लिए काम करने में दिलचस्पी है।”
उन्होंने उनकी सरकार में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा था कि वह नई पीढ़ी को बढ़ावा देना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश जदयू के अध्यक्ष अनूप सिंह पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि पार्टी की राज्य इकाई को उम्मीद है कि कुमार अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।
उन्होंने कहा कि ‘हमने उन्हें (नीतीश कुमार को) पटना में पार्टी के हालिया राष्ट्रीय सम्मेलन में फूलपुर, मिर्जापुर या अंबेडकर नगर से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। हमें कोई ठोस जवाब नहीं मिला है, इसलिए हम आशान्वित हैं।’
पटेल ने कहा कि राज्य के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा के बाद यह प्रस्ताव रखा गया था। सीटों के चुनाव के बारे में बताते हुए, पटेल ने कहा, ‘हमारे मतदाता (कुर्मी) इन सीटों पर लगभग 40 प्रतिशत हैं।’
फूलपुर के चुनाव पर पटेल ने कहा, ‘पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू फूलपुर से चुने गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह भी इस सीट से चुने गए थे। जब हमारे नेता फूलपुर से चुनाव लड़ेंगे, तो निश्चित रूप से इससे मजबूत संदेश जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘अंबेडकर नगर समाजवादी विचारक राम मनोहर लोहिया का जन्मस्थान है और चूंकि हम लोहिया जी के अनुयायी हैं, इसलिए हमने इस निर्वाचन क्षेत्र को भी अपनी प्राथमिकता में रखा है।’
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मिर्जापुर बिहार के बहुत करीब है और वहां से हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को संदेश देंगे कि उत्तर प्रदेश और बिहार के पार्टी कार्यकर्ता एक साथ हैं।
जदयू नेता आशीष सक्सेना ने कहा कि अगर नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश की किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं, तो यह निश्चित रूप से देश भर में विपक्षी एकता का एक मजबूत संदेश होगा। उन्होंने कहा कि 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों वाला उत्तर प्रदेश निचले सदन में सबसे अधिक सांसद भेजता है और बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान पार्षद (एमएलसी) आशुतोष सिन्हा ने ‘पीटीआई- भाषा’ से कहा कि अगर कुमार उत्तर प्रदेश से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना तय करते हैं, तो यह एक स्वागत योग्य कदम होगा। उन्होंने कहा, ‘अगर सपा अध्यक्ष उन्हें (नीतीश कुमार) समर्थन देते हैं तो पूरी पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेगी कि वह रिकॉर्ड अंतर से जीतें।’
सपा नेता राकेश वर्मा ने कहा कि कुमार का राज्य से आम चुनाव लड़ना ‘अच्छा’ होगा और विपक्षी एकता को मजबूत करेगा। संपर्क करने पर, सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनकी पार्टी ने अभी तक इस मामले पर जदयू) के साथ कोई चर्चा नहीं की है। उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में कोई बातचीत नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव अभी डेढ़ साल दूर हैं। अभी यह चर्चा का विषय नहीं है।’
उधर, फूलपुर से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल ने सत्ताधारी भाजपा को जदयू की किसी भी चुनौती को खारिज कर दिया और कहा कि जदयू का यहां कोई संगठन नहीं है। इसलिए, इससे यहां कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
गौरतलब है कि भाजपा की केशरी देवी पटेल फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, जबकि केंद्रीय राज्य मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने 2014 से लगातार दो बार मिर्जापुर सीट पर कब्जा किया है। बसपा के रितेश पांडेय अंबेडकर नगर से सांसद हैं।
भाषा आनन्द पारुल धीरज
धीरज