पराली जलाने के कुप्रभावों से किसानों को अवगत कराएं : आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा |

पराली जलाने के कुप्रभावों से किसानों को अवगत कराएं : आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा

पराली जलाने के कुप्रभावों से किसानों को अवगत कराएं : आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : November 15, 2022/5:49 pm IST

लखनऊ, 15 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पराली जलने के कारण बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए मंगलवार को संबंधित अधिकारियों से कहा कि पर्यावरण पर इसके प्रतिकूल प्रभावों से किसानों को अवगत कराएं।

सरकारी बयान के मुताबिक, पराली जलने से होने वाले वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इससे किसानों को अवगत कराएं और उन्हें जागरुक करें। उन्होंने कहा कि धान/गेहूं की खूंट/पराली को काटकर खेत में पानी लगाकर एवं यूरिया छिड़ककर वहीं गलाने की व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामवार समन्वय स्थापित करने के लिए सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी जाए।

सरकारी बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि हर जिले में पराली/पुआल को गौशालाओं में पहुंचाया जा रहा है और ‘पराली दो, खाद लो’ कार्यक्रम को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 16 वायोब्रिकेट और वायोकोल प्लान्ट स्थापित किए गए हैं और पुआल उनमें पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई और फसल अवशेष प्रबन्धन के अन्य कृषि यन्त्रों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बयान के अनुसार, प्रदेश में वाराणसी, सोनभद्र, सन्त रविदास नगर, महौबा, कासगंज, जालौन, हमीरपुर, गोण्डा, चन्दौली, बाँदा, बदायूँ, आजमगढ़, अमरोहा और आगरा जैसे कुछ ऐसे भी जिले हैं, जहां पराली जलाने की घटनाएं शून्य के बराबर है।

भाषा जफर अर्पणा

अर्पणा

 

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