भदोही (उप्र), नौ दिसंबर (भाषा) भदोही जिले की एक अदालत ने मंगलवार को दो छोटे बच्चों की गला घोंटकर हत्या करने और साक्ष्य मिटाने के आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। एक शासकीय अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) प्रवेश कुमार तिवारी ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुष्पा सिंह ने चार वर्षीय विशाल और उसके सगे भाई छह वर्षीय सुदामा की हत्या के आरोपी कीर्ति उर्फ लक्ष्मण को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 60,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
एडीजीसी ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान बच्चों की मां पिंकी देवी ने अपनी मृत्यु से पहले ही गवाही दे दी थी।
तिवारी ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कीर्ति उर्फ लक्ष्मण को दोनों हत्याओं का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई।
तिवारी ने बताया कि बच्चों की मां पिंकी देवी की तीन दिन पहले गोपीगंज थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर एक ओवरब्रिज के नीचे रात बिताते समय ठंड लगने से मौत हो गई। उसकी मौत छह दिसंबर को हुई जबकि अदालत ने तीन दिन बाद ही मामले में सजा सुनाई।
घटना के संदर्भ में भदोही के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि मामला चार जुलाई, 2024 का है, जब पुलिस ने दुर्गंध की शिकायत के बाद शहर कोतवाली क्षेत्र की मोढ़ पुलिस चौकी के अंतर्गत नरोत्तमपुर गांव में एक ईंट भट्ठे के अंदर एक झोपड़ी से दो बच्चों के शव बरामद किए थे। उन्होंने बताया कि भट्ठा लगभग दो साल से बंद था।
मांगलिक ने बताया कि शव लाल साड़ी में लिपटे हुए पाए गए थे। उन्होंने बताया कि चार दिनों से लापता अपने बच्चों की तलाश कर रही पिंकी देवी ने शवों की पहचान की। उसकी शिकायत पर, पुलिस ने कीर्ति उर्फ लक्ष्मण, जिसके साथ वह रह रही थी, के खिलाफ मामला दर्ज किया और विवेचना पूरी कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
पुलिस ने बताया कि खानाबदोश मुसहर समुदाय की पिंकी देवी अपने दो बेटों के साथ सोनभद्र से भदोही आई थी और आरोपी के साथ रह रही थी।
बच्चों को उनके पिता के पास वापस भेजने को लेकर इस जोड़े के बीच अक्सर झगड़े होते रहते थे, जिसके बाद कीर्ति ने कथित तौर पर गुस्से में बच्चों की हत्या कर दी और शवों को छिपाकर भाग गया।
भाषा सं आनन्द संतोष
संतोष