परंपरा और नवाचार का संगम है माटीकला महोत्सव: राकेश सचान

परंपरा और नवाचार का संगम है माटीकला महोत्सव: राकेश सचान

परंपरा और नवाचार का संगम है माटीकला महोत्सव: राकेश सचान
Modified Date: October 11, 2025 / 12:03 am IST
Published Date: October 11, 2025 12:03 am IST

लखनऊ, 10 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी, हथकरघा एवं वस्त्र मंत्री राकेश सचान ने शुक्रवार को कहा कि माटी कला महोत्सव परंपरा और नवाचार का संगम है।

खादी भवन में शुक्रवार को सचान ने माटीकला महोत्सव 2025 (10 से 19 अक्टूबर) की शुरुआत की।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इस अवसर पर माटीकला बोर्ड द्वारा विकसित नवीन माटीकला पोर्टल एवं ‘ई-वेरिफिकेशन मोबाइल ऐप’ का भी लोकार्पण किया गया। साथ ही 10 कारीगरों को निःशुल्क विद्युत चालित चाक, दो कारीगरों को ‘पगमिल’ मशीन एवं दो लाभार्थियों को बैंकों से स्वीकृत ऋण के चेक वितरित किए गए।

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इस 10 दिवसीय महोत्सव में विभिन्न जनपदों से आए कारीगरों की 50 निःशुल्क दुकानें लगाई गई हैं, जिनमें पारंपरिक और आधुनिक माटीकला उत्पाद आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

सचान ने बताया कि राज्य में माटी का प्रयोग कर मूर्तियां, खिलौने, बर्तन, इत्यादि गृह उपयोगी एवं कलात्मक वस्तुएं बनाने का प्रचलन सदियों से रहा हैं। उन्होंने कहा कि आज भी राज्य में पर्याप्त संख्या में माटीकला शिल्पकार इस परम्परागत उद्योग में लगे हुए हैं।

माटीकला के अन्तर्गत निर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देने एवं परम्परागत उद्योगों को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं संवर्धित करते हुए, अधिकाधिक कारीगरों को रोजगार से जोड़ने के लिए 19 जुलाई, 2018 को माटीकला बोर्ड की स्थापना की गई थी। स्थापना के बाद से अब तक 48,048 कारीगर परिवारों की पहचान की जा चुकी है तथा 37,190 कारीगरों को मिट्टी की निकासी हेतु पट्टा आवंटित किया गया है।

सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के अंतर्गत पिछले छह वर्षों में 1,114 लाभार्थियों को ऋण स्वीकृत कर उद्योग इकाइयों की स्थापना कराई गई है। इस वर्ष 300 नई इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

भाषा आनन्द राजकुमार

राजकुमार


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