शरीयत की नजर में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं : मौलाना खालिद रशीद फरंगी |

शरीयत की नजर में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं : मौलाना खालिद रशीद फरंगी

शरीयत की नजर में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं : मौलाना खालिद रशीद फरंगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : August 13, 2022/6:32 pm IST

लखनऊ, 13 अगस्त (भाषा) विवादास्पद लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य और लखनऊ के शहर मुफ्ती मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने शनिवार को कहा कि शरीयत की नजर में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है, लिहाजा इस घटना को सही नहीं ठहराया जा सकता।

उन्होंने कहा कि इस्लाम में पैगंबर मोहम्मद साहब ने हमेशा अमन का पैगाम दिया है इसलिए मुसलमानों को उन्हीं के बताए रास्ते पर चलना चाहिए।

दूसरी ओर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सायम मेहंदी ने कहा कि तीन दशक पहले ईरान के शिया धर्मगुरु मौलाना खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था, ऐसे में अब इस घटना पर शिया समुदाय के किसी अन्य व्यक्ति का राय देना ठीक नहीं है।

मुंबई में जन्मे विवादास्पद लेखक, जिन्हें ‘द सैटेनिक वर्सेज’ लिखने के बाद वर्षों तक इस्लामवादियों से मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा, को न्यूजर्सी निवासी 24 वर्षीय हादी मटर ने शुक्रवार को मंच पर चाकू मार दिया, जब वह एक कार्यक्रम को संबोधित करने जा रहे थे।

रुश्दी को कार्यक्रम स्थल से सटे एक मैदान से उत्तर-पश्चिमी पेंसिल्वेनिया के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां 75 वर्षीय लेखक की सर्जरी हुई।

लेखक ने अपने उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए बुकर पुरस्कार भी जीता है।

भाषा सलीम आनन्द अर्पणा

अर्पणा

 

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