सूरत में जनता का अपमान हुआ है : अखिलेश यादव

सूरत में जनता का अपमान हुआ है : अखिलेश यादव

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  • Publish Date - April 23, 2024 / 09:00 PM IST,
    Updated On - April 23, 2024 / 09:00 PM IST

लखनऊ, 23 अप्रैल (भाषा) गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के निर्विरोध निर्वाचित घोषित होने के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि ‘‘सूरत में जनता का अपमान हुआ है।’’ उन्होंने मांग की कि सूरत में नये सिरे से चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाए।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अखिलेश यादव ने कहा,”सूरत में जनता का अपमान हुआ है। वहां वोट ही नहीं डालने दिया गया। हम तो पहले से कह रहे हैं, भाजपा वोट डालने का अधिकार ही छीन लेगी। देखिए वही हुआ है। ये भी संविधान की हत्या है, क्योंकि इस तरह धांधली से जीते हुए लोग, जनता के चुने हुए प्रतिनिधि नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग को ठेंगा दिखा रही है। चुनाव आयोग को कम से कम अपनी मानहानि के लिए तो कार्रवाई करनी चाहिए।

यादव ने कहा,‘‘चंडीगढ़ महापौर के चुनाव की तरह हमारी एक बार फिर उच्च्तम न्यायालय और चुनाव आयोग से अपील है कि ‘सूरत’ की घटना का स्वत: संज्ञान ले और चुनाव रद्द करके सब षड्यंत्रकारियों को सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए। सूरत में नये सिरे से चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाए।”

गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द होने और अन्य उम्मीदवारों के नाम वापस लिए जाने के बाद सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार मुकेश दलाल को इस सीट से निर्वाचित घोषित कर दिया गया था।

दलाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं जहां पर सात मई को मतदान होना था। सूरत जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार दलाल को छोड़कर सूरत लोकसभा सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने वाले सभी आठ उम्मीदवारों ने अंतिम दिन अपना नाम वापस ले लिया जिनमें चार निर्दलीय, तीन छोटे दलों के नेता और बहुजन समाज पार्टी के प्यारेलाल भारती शामिल हैं।

निर्वाचन अधिकारी ने बताया था कि सूरत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुम्भाणी का नामांकन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगति होने के बाद रविवार को रद्द कर दिया गया था।

कुम्भाणी का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी रद्द कर दिया गया था।

भाषा जफर संतोष

संतोष