प्रधानमंत्री मोदी ने गहलोत सरकार के दौरान हुए पेपर लीक को देश के युवाओं के साथ बताया धोखा

प्रधानमंत्री मोदी ने गहलोत सरकार के दौरान हुए पेपर लीक को देश के युवाओं के साथ बताया धोखा

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  • Publish Date - April 25, 2024 / 09:38 PM IST,
    Updated On - April 25, 2024 / 09:38 PM IST

आगरा/जयपुर, 25 अप्रैल (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा द्वारा गहलोत पर पेपर लीक समेत कई अन्य आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के युवाओं के साथ पेपर लीक से बड़ा कोई विश्वासघात नहीं हो सकता।

शर्मा ने बुधवार को आरोप लगाया कि राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (आरईईटी) पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार की संलिप्तता थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को आगरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजस्थान में कथित पेपर लीक मामले और शर्मा के दावे का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने राजस्थान में हुए कथित प्रश्नपत्र लीक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान में जब कांग्रेस की सरकार थी तब वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी रहे एक सज्जन ने कल एक बड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया है। वह कह रहे हैं कि राजस्थान में जो पेपर लीक हुआ था ‘‘उसमें कांग्रेस की गहलोत सरकार खुद शामिल थी।’’

उन्होंने कहा कि इससे बड़ा पाप, इससे बड़ा धोखा मेरे देश के युवाओं के साथ और कुछ नहीं हो सकता।

शर्मा ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अपने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की छवि खराब करने की साजिश रचने, पायलट और अन्य कांग्रेस नेताओं के फोन सर्विलांस पर रखने, रीट पेपर लीक में शामिल होने और पार्टी आलाकमान को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया था।

शर्मा के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें आरोप की जानकारी नहीं है और मौजूदा माहौल में कौन क्या कहता है, इसकी चिंता नहीं होनी चाहिए।

गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ‘‘मैं यह नहीं जानता। स्टाफ में कौन रहता है और कौन नहीं, इस पर मैं ध्यान नहीं देता। किसी को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि देश के वर्तमान माहौल में कौन क्या कहता है।’’

प्रधानमंत्री की आज की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने ‘लाल डायरी’ को मुद्दा बनाया था और अब उसी तरह से मुद्दा (फोन टैपिंग में उनकी कथित संलिप्तता) बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के पास कुछ नहीं था इसलिए वह ‘लाल डायरी’ मुद्दा लेकर आए थे। हमें (पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले) पता था कि प्रधानमंत्री सीकर आने वाले हैं और वहां इसका (लाल डायरी) जिक्र करेंगे। उन्होंने कहा कि उसी तरह प्रधानमंत्री अब उन्हें (लोकेश शर्मा) उद्धत कर रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, उन्हें सोचना चाहिए कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं, अकेले भाजपा के नहीं।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने पिछले साल जुलाई में दावा किया था कि उनके पास एक ‘लाल डायरी’ है जिसमें कथित तौर पर मुख्यमंत्री (तत्कालीन मुख्यमंत्री गहलोत) के अनियमित वित्तीय लेनदेन का विवरण है।

विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने इसे मुद्दा बनाया था।

शर्मा के खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जिस तरह से गहलोत के पूर्व ओएसडी ने चीजों का खुलासा किया है वह सबके सामने है और लोग कांग्रेस को जवाब देंगे।

भाजपा कार्यालय में बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से बातचीत में शर्मा ने कहा ‘‘गहलोत के पूर्व ओएसडी ने कल जो कहा है, उस पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता…वह सबके सामने है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि लोग भ्रष्टाचार, युवाओं के साथ विश्वासघात और कांग्रेस के तुष्टीकरण का जवाब देना चाहेंगे।’’

राजस्थान में भाजपा के लोकसभा चुनाव प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि कांग्रेस ने जो ‘पाप’ किए हैं, वे अब लोगों के सामने आ रहे हैं।

पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “अब लोगों को पता चल गया है कि उन्होंने ऐसी आपराधिक मानसिकता वाले लोगों को सत्ता सौंपी थी।”

पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व ओएसडी के आरोपों से मारवाड़ के ‘छद्म गांधी’ का चेहरा बेनकाब हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘राजस्थान की राजनीति के इतिहास में यह पहली घटना थी जब किसी सरकार के मुखिया ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए सभी नियमों की अनदेखी की और अवैध रूप से जन प्रतिनिधियों के फोन टैप कराए।’’

राठौड़ ने कहा कि फोन टैपिंग मामले को मैंने और विपक्ष के अन्य सदस्यों ने विधानसभा में जोरदार ढंग से उठाया था। उन्होंने कहा कि संविधान की बात करने वाले गहलोत ने खुद विपक्ष के अधिकारों पर हमला करने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया।

राठौड़ ने कहा कि ‘‘इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि तत्कालीन सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने भी अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग के गंभीर आरोप लगाकर मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया था।’’

वहीं, गहलोत के पूर्व मंत्रिमंडल सहयोगी प्रताप सिंह खाचरियावास ने गहलोत का बचाव करते हुए कहा कि लोकेश शर्मा भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं और उनके आरोप में कोई दम नहीं है।

उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत को लोकेश शर्मा जैसे व्यक्ति से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। अगर भाजपा ऐसे लोगों की मदद से चुनाव में लाभ हासिल करना चाहती है, तो इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि वह चुनाव हार रही है।

राठौड़ ने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो शर्मा ने मुख्यमंत्री के ओएसडी पद का आनंद लिया और अब वह निराधार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें इस मुद्दे पर मीडिया से बात करने के बजाय पुलिस या अन्य जांच एजेंसियों के पास जाना चाहिए था।’’

फोन टैपिंग विवाद जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सामने आया जब कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में थी। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले पार्टी के 18 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। इस दौरान गजेंद्र सिंह और कांग्रेस नेताओं के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत के ऑडियो क्लिप सामने आए थे।

भाषा कुंज

धीरज

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