बहराइच, (उप्र) 29 अक्टूबर (भाषा) ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने और महिला उद्यमियों का समर्थन करने के लिए एक विशेष प्रयास के तहत ‘ई-कॉमर्स’ के लिए एक नया तकनीकी मंच मुहैया कराया जा रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि 12वीं कक्षा के छात्र तेजस दहिया ने ‘ई-शक्ति’ नामक ‘ई-कॉमर्स’ मंच विकसित किया है। इसकी शुरुआत बहराइच जिले से होगी।
बहराइच की जिलाधिकारी (डीएम) मोनिका रानी ने कहा, ‘‘ई-शक्ति हमारे जिले की 50,000 महिलाओं को डिजिटल कॉमर्स से जुड़ने में मदद करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह मंच ग्रामीण समुदायों को बड़े बाजारों से जोड़ता है और कारीगरों, किसानों और लघु उत्पादकों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में सक्षम बनाता है।’’
उन्होंने कहा कि बड़े ई-कॉमर्स मंच के विपरीत, यह मंच और वेबसाइट स्थानीय उत्पादों को बेचने की अनुमति देगा।
जिलाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमारे पास बहुत से कारीगर हैं जो गेहूं के तने, केले के रेशे, जैव उर्वरक आदि का उपयोग करके उत्पाद बनाते हैं। हालांकि, वे उद्यमशीलता के प्रयासों के शुरुआती चरण में हैं और उन्हें उनके उत्पादों को व्यापक स्तर तक पहुंचाने के लिए समर्थन की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मंच पर विक्रेता स्वयं सहायता समूह होंगे, जिन्हें हम पंजीकृत करेंगे और उसके बाद ही उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री के लिए ‘लॉग इन’ करने के लिए अधिकृत किया जाएगा।’’
जिलाधिकारी ने बताया कि इस मंच की अवधारणा बहराइच प्रशासन द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि वेबसाइट तैयार है, लेकिन दिवाली के बाद इसके मोबाइल ऐप की शुरुआत किए जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘वेबसाइट को कुछ सुधार की भी आवश्यकता है, जिस पर काम किया जाएगा।’’
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के सहयोग से बनाया गया यह मंच राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) जैसी पहलों के साथ संरेखित है।
रानी ने कहा, ‘‘हम इसे दूरदराज के क्षेत्रों में महिलाओं के लिए आय अर्जित करने और महत्वपूर्ण पूंजी या बुनियादी ढांचे की आवश्यकता के बिना अपने व्यवसाय का विस्तार करने के अवसर के रूप में देखते हैं।’’
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के उपायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि यह ऐप राष्ट्रीय सूचना प्रणाली (एनआईएस) के माध्यम से विकसित किया गया है।
सिंह ने कहा कि यहां 20,197 महिला स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे दो लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मंच एनआरएलएम, एनयूएलएम और ओडीओपी उत्पादों की बिक्री की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे 50,000 से अधिक महिलाओं को तत्काल लाभ मिलेगा।’’
जिलाधिकारी ने उपयोगकर्ताओं को संभावित ऑनलाइन भुगतान से संबंधित धोखाधड़ी के प्रति चेतावनी भी दी। ऐप को अभी केवल ‘कैश ऑन डिलीवरी’ (सीओडी) विकल्प के साथ शुरू किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक सफलता के बाद भविष्य में ऑनलाइन भुगतान को भी शामिल किया जाएगा और सार्वजनिक तौर पर इसकी घोषणा की जाएगी।
भाषा सं किशोर आनन्द
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