झारखंड की तर्ज पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी 'नमाज' के लिये कमरे की मांग की सपा विधायक ने |

झारखंड की तर्ज पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी ‘नमाज’ के लिये कमरे की मांग की सपा विधायक ने

झारखंड की तर्ज पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी 'नमाज' के लिये कमरे की मांग की सपा विधायक ने

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : September 7, 2021/4:07 pm IST

लखनऊ, सात सितंबर (भाषा) झारखंड विधानसभा में नमाज अदा करने के लिए एक कमरा आवंटित होने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी इसके वास्ते ऐसे ही ‘प्रार्थना कक्ष’ की मांग की और अध्यक्ष से इस पर विचार करने का अनुरोध किया।

कानपुर में सीसामऊ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक सोलंकी ने कहा, ‘मैं पिछले 15 वर्षों से विधायक हूं। कई बार जब विधानसभा की कार्यवाही चल रही होती है तो हम मुस्लिम विधायकों को नमाज़ अदा करने के लिए विधानसभा से बाहर जाना पड़ता है। अगर विधानसभा में नमाज के लिये एक छोटा प्रार्थना कक्ष हो तो हमें सदन कार्यवाही नहीं छोड़नी पड़ेगी । कई बार यदि आपको सवाल पूछना हैं और आपका समय आने वाला हैं तभी अज़ान का समय आ जाता है, आप या तो नमाज अदा करें या सवाल पूछें ।”

सपा विधायक की इस मांग के बारे में मंगलवार को राज्य की राजधानी लखनऊ में मौजूद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) अध्यक्ष असदुदीन ओवैसी से जब सवाल किया गया तो उन्होंने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि विधायक को इस बारे में अपनी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव की भी राय ले लेनी चाहियें ।

सोलंकी ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भी इबादत के लिए जगह होती है। विधानसभा अध्यक्ष इस पर विचार कर सकते हैं और इससे किसी को नुकसान नहीं होगा।’

सोलंकी की यह मांग तब आई है जब विपक्षी भाजपा झारखंड में नमाज पढ़ने के लिए एक कमरा आवंटित करने के कदम का विरोध कर रही है।

सपा विधायक ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्होंने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को लिखित में कुछ नहीं दिया है।

गौरतलब हैं कि झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने नमाज अदा करने के लिए विधानसभा का एक कमरा आवंटित किया था, जिसके बाद भाजपा ने विधानसभा परिसर में हनुमान मंदिर और अन्य धर्मों के पूजा स्थलों की मांग की।

भाजपा ने कहा था कि सरकार को नमाज के कमरे पर दिये गयें ‘असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक निर्णय’ को तुरंत रद्द करना चाहिए।

भाषा जफर

राजकुमार

राजकुमार

 

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