श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण : दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पेश कीं |

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण : दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पेश कीं

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण : दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पेश कीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : November 25, 2022/1:47 pm IST

मथुरा (उप्र), 25 नवंबर (भाषा) मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले में एक स्थानीय अदालत ने दो अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई के लिए क्रमश: पांच दिसंबर और 22 दिसंबर की तारीख तय की है।

मथुरा में सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत में चल रहे श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण के एक वाद में बृहस्पतिवार को मनीष यादव बनाम उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आदि की सुनवाई में वाद की पोषणीयता विषय पर दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई, जिसके बाद अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए पांच दिसंबर की तारीख तय की है।

इसी प्रकरण में अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रदेश पदाधिकारी दुष्यंत सारस्वत द्वारा पिछले दिनों दायर किए गए मामले में अदालत ने अन्य सभी पक्षों को नोटिस दिए जाने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 22 दिसंबर के लिए नियत की है।

गौरतलब है कि नारायणी सेना के अध्यक्ष लखनऊ निवासी मनीष यादव ने दावा पेश कर श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में बनी ईदगाह को अवैध निर्माण बताते हुए उसे मंदिर की 13.37 एकड़ जमीन के दायरे से विस्थापित कर उक्त सम्पूर्ण भूमि उसके मालिक को लौटाने की याचिका दायर की है।

उनका तर्क है कि जन्मस्थान के पदाधिकारी एवं शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी के मध्य 1967-68 में हुआ कथित समझौता पूरी तरह से अवैध है, इसलिए उसे निष्क्रिय घोषित कर ईदगाह को वहां से हटाया जाना चाहिए।

इस पर ईदगाह कमेटी शुरू से ही विरोध दर्ज कराते हुए मामले की पोषणीयता का सवाल उठा रही है। कमेटी के सचिव एवं अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बृहस्पतिवार को भी सुनवाई के दौरान आपत्ति दर्ज करायी और कहा कि यह मामला सुनवाई योग्य ही नहीं है, क्योंकि मनीष यादव न तो मंदिर के कोई पदाधिकारी हैं और न ही उनके मंदिर से कोई संबंध हैं। वह मामले में पीड़ित पक्ष भी नहीं हैं।

वादी पक्ष के अधिवक्ता सुरजीत यादव ने विरोध किया कि वादी भगवान कृष्ण का भक्त है एवं उनका वंशज होने के नाते उनकी ओर से आपत्ति दर्ज कराने के लिए पूर्णत: योग्य है।

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अयोध्या स्थित राम मंदिर के मामले में जिस प्रकार उनके भक्तजनों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी, उसी प्रकार यहां भी मनीष यादव ऐसा कर सकते हैं।

अदालत ने इस मामले में अब अगली सुनवाई पांच दिसंबर को तय की है। वहीं, दुष्यंत सारस्वत के वाद में पक्ष-विपक्ष के लोगों को चार सप्ताह का नोटिस देकर 22 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है।

भाषा सं आनन्द शफीक

शफीक

 

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