भारत में गूगल जैसी कंपनियां स्थापित करें छात्र : अरविंद कुमार शर्मा
भारत में गूगल जैसी कंपनियां स्थापित करें छात्र : अरविंद कुमार शर्मा
लखनऊ, दो नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने रविवार को छात्रों से ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को सर्वोपरि रखते हुए भारत में गूगल जैसी कंपनियां स्थापित करने का आह्वान किया।
शर्मा ने लखनऊ स्थित इंटीग्रल विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय मेधा विदेश में जाकर अपनी प्रतिभा का लोहा लंबे समय से मनवा रही है। अब समय आ गया है कि उस प्रतिभा का इस्तेमाल अपने देश को आगे बढ़ाने में किया जाए।
उन्होंने गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचई का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की मेधा ने विदेश में कामयाबी के झंडे गाड़े हैं। अब यह आज की पीढ़ी के छात्रों पर दारोमदार है कि वे अपनी मेधा का इस्तेमाल भारत में करें और यहां गूगल जैसी कंपनी की स्थापना करें।
शर्मा ने कहा कि भारत ने ऐसे मूल्य स्थापित किए हैं जिनका पूरी दुनिया अनुसरण कर रही है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को भारत मूल्य प्रणाली में विश्वास रखते हुए इस देश को विकसित राष्ट्र बनाने में मदद करनी चाहिए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ब्रिटिश काल में भारत की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हुआ, लेकिन हमें न केवल दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है बल्कि अपनी महानता को भी पुनर्स्थापित करना है।
उन्होंने छात्र-छात्राओं में सलीका विकसित करने की जरूरत पर भी जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों को ‘सॉफ्ट स्किल्स’ से भी लैस करना चाहिए।
विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं कुलाधिपति प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर ने छात्रों को सलाह देते हुए कहा, ‘सच्चाई और ईमानदारी का रास्ता अस्थायी नहीं, बल्कि स्थायी सफलता देता है। अगर आप महानता प्राप्त करना चाहते हैं तो चुनौतियों से न घबराएं बल्कि अपनी क्षमता पर विश्वास रखें। आप वह सब कुछ कर सकते हैं जो आप सोच सकते हैं।’
दीक्षांत समारोह को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर जावेद मुसर्रत और प्रतिकुलपति नदीम अख्तर ने भी संबोधित किया।
दीक्षांत समारोह में 133 शोध उपाधियां (पीएचडी) और 4,793 स्नातक व स्नातकोत्तर उपाधियां प्रदान की गईं। इसके अलावा 13 संकायवार स्वर्ण पदक और 13 रजत पदक तथा कार्यक्रमवार 108 स्वर्ण पदक और 105 रजत पदक वितरित किए गए।
भाषा
सलीम रवि कांत

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