पिछड़ा वर्ग फिर बसपा के पीछे लामबंद होगा; ‘इंडिया’ गठबंधन बेनकाब: उप्र बसपा प्रमुख

पिछड़ा वर्ग फिर बसपा के पीछे लामबंद होगा; ‘इंडिया’ गठबंधन बेनकाब: उप्र बसपा प्रमुख

पिछड़ा वर्ग फिर बसपा के पीछे लामबंद होगा; ‘इंडिया’ गठबंधन बेनकाब: उप्र बसपा प्रमुख
Modified Date: August 4, 2024 / 04:42 pm IST
Published Date: August 4, 2024 4:42 pm IST

(जफर इरशाद)

लखनऊ, चार अगस्त (भाषा) बसपा ने रविवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा जनता से किए गए वादों की पोल अब खुल चुकी है और साथ ही लोग यह भी जान चुके हैं कि यह गठबंधन तथा राजग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इसने कहा कि इन दोनों गठबंधनों में से एक ‘जुमलेबाज’ है, तो दूसरा ‘महा जुमलेबाज’ है।

बसपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख विश्वनाथ पाल ने भी विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य की 10 सीट पर होने वाले उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी और पिछड़ा वर्ग फिर से मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ जुड़ेगा।

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उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि अगर राजग ‘जुमलेबाज’ है, तो ‘इंडिया’ गठबंधन ‘महा जुमलेबाज’ है।

बसपा नेता ने कहा कि हालांकि केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी है, लेकिन वह अपने द्वारा किए गए वादों के अनुसार उन राज्यों में सुविधाएं दे सकती है, जहां उसकी सरकार है।

पाल ने कहा कि लेकिन वह ऐसा नहीं कर रही है जिसका मतलब है कि वह भी भाजपा की तरह ‘‘जुमलेबाज’’ पार्टी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इस ‘‘महा जुमलेबाजी’’ को अब जनता अच्छी तरह समझ चुकी है।

पाल ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन की सफलता झूठ की बुनियाद पर टिकी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन के नेताओं ने पीडीए (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) वर्ग के लोगों के दिमाग में यह डर बिठा दिया कि अगर भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीती तो वह संविधान को बदल देगी। कांग्रेस की यह ‘जुमलेबाजी’ अब जनता भलीभांति समझ चुकी है।’’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए पीडीए का नारा दिया था जिसका मतलब पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों से है।

पाल ने कहा कि उप्र में दस सीटों पर जल्द होने वाले उपचुनाव में बसपा मजबूती से लड़ेगी।

उन्होंने कहा कि 2027 का उप्र विधानसभा चुनाव बसपा 2007 के चुनाव की तर्ज पर अकेले लड़ेगी और पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी तथा मायावती फिर से राज्य की मुख्यमंत्री बनेंगी।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव में उप्र की 80 सीट पर अकेले चुनाव लड़ा था लेकिन उसका खाता भी नहीं खुला था। इसी तरह 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 403 सीट पर अकेले चुनाव लड़ा था और केवल एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी।

उप्र की करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर मीरापुर, फूलपुर, मझवा और सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है जिसका कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है।

करहल सीट अखिलेश यादव के कन्नौज लोकसभा सीट जीतने से रिक्त हुई है, जबकि मिल्कीपुर सीट के विधायक अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। इस कारण मिल्कीपुर विधानसभा सीट खाली हो गई है।

सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के चलते उनकी सदस्यता रद्द होने के कारण रिक्त हुई है। बाकी सीट पर संबंधित विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया है।

भाषा जफर पारुल नेत्रपाल

नेत्रपाल


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