गोरखपुर में आदित्यनाथ के नेतृत्व में पारंपरिक भव्य विजयादशमी शोभा यात्रा निकली |

गोरखपुर में आदित्यनाथ के नेतृत्व में पारंपरिक भव्य विजयादशमी शोभा यात्रा निकली

गोरखपुर में आदित्यनाथ के नेतृत्व में पारंपरिक भव्य विजयादशमी शोभा यात्रा निकली

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : October 4, 2022/10:38 pm IST

गोरखपुर (उप्र), चार अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मंगलवार को यहां पारंपरिक भव्य विजयादशमी शोभा यात्रा निकाली गई और अल्पसंख्यक समुदाय सहित विभिन्न समुदायों के सदस्यों ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया।

विशेष पारंपरिक पोशाक में गोरक्षपीठाधीश्वर आदित्यनाथ फूलों से सजे रथ पर सवार थे । इस यात्रा का स्वागत मुस्लिम और सिंधी समुदायों के सदस्यों ने गर्मजोशी से किया । गोरक्षपीठाधिकारी ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया और उन्हें प्रसाद भी वितरित किया।

आदित्यनाथ ने गुरु गोरक्षनाथ की पूजा के बाद शाम साढ़े चार बजे गोरखनाथ मंदिर से यात्रा निकाली। यात्रा विशेष संगीत वाद्ययंत्र- नागफनी, तुरही, नगाड़ा, डमरू और बैंड बाजा के साथ आगे बढ़ी ।

यात्रा की एक झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। यात्रा के मुख्य द्वार से बाहर निकलते ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुष्पवर्षा की और उर्दू अकादमी के अध्यक्ष चौधरी कैफुलवरा ने मुख्यमंत्री को माला पहनाकर स्वागत किया ।

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए चौधरी कैफुलवरा ने कहा कि उनका परिवार कई पीढ़ियों से गोरक्षपीठाधिश्वर शोभा यात्रा का स्वागत करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ कभी भी धर्म और जाति के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव नहीं करता और सभी को इंसान के रूप में देखता है।

आदित्यनाथ ने विजयादशमी की भव्य शोभा यात्रा के उपरान्त रामलीला मैदान में जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि विजयादशमी का पर्व सनातन हिंदू धर्म को सदैव सत्य, न्याय और धर्म के पथ पर चलने की प्रेरणा देता रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ सम और विषम कोई भी परिस्थिति हो, हम गलत मार्ग पर नहीं चलेंगे, सत्य का आचरण करेंगे। न्याय और धर्म के पथ पर चलेंगे, तो विजय हमारी अवश्य होगी। विजयादशमी इस बात का हजारों वर्षों से हमें अहसास करा रही है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम भगवान श्रीराम की पूजा एवं वन्दना कर रहे हैं, क्योंकि भगवान श्रीराम ने अपने आदर्शों से एक आदर्श प्रस्तुत किया है।

भाषा सं जफर

राजकुमार

राजकुमार

 

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