तीन लड़कियों की हत्या के मामले में दो व्यक्तियों को फांसी की सजा, पिता ने कहा- विवेचक को हो सजा |

तीन लड़कियों की हत्या के मामले में दो व्यक्तियों को फांसी की सजा, पिता ने कहा- विवेचक को हो सजा

तीन लड़कियों की हत्या के मामले में दो व्यक्तियों को फांसी की सजा, पिता ने कहा- विवेचक को हो सजा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : November 24, 2021/6:59 pm IST

शाहजहांपुर (उप्र), 24 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक अदालत द्वारा दो व्यक्तियों को तीन सगी बहनों की हत्या के लिए मृत्युदंड की सजा सुनाये जाने के बाद लड़कियों के पिता ने बुधवार को कहा कि उनकी बेटियों की हत्या के बाद दोषियों पर कार्रवाई न करके उन्हें ही ‘‘जेल भेजने वाले विवेचक को भी फांसी की सजा होनी चाहिए।”

शाहजहांपुर जिले में तीन सगी नाबालिग बहनों की हत्या के मामले में यहां की अदालत ने सोमवार को दो व्यक्तियों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। वहीं अदालत ने विवेचक एवं झूठी गवाही देने वाले एक गवाह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

मृतक तीनों लड़कियों के पिता एवं निगोही थाना अंतर्गत जेबा मुकुंदपुर गांव निवासी अवधेश कुमार ने पत्रकारों को बताया की 15 अक्टूबर 2002 को उनके घर में घुसकर उनकी बेटियों रोहिणी (नौ), नीता (आठ) और सुरभि (सात) पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर उनकी हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि अगले दिन थाना निगोही में गांव के ही छुटकुन्नू, नरवीर तथा राजेंद्र के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज करा दिया था और इस मामले में विवेचक होशियार सिंह थे।

उन्होंने कहा, ‘‘विवेचक ने आरोपियों को दोषमुक्त करते हुए मुझे ही आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था। मैं चीखता रहा कि मेरी तीन बेटियों की हत्या हुई है, हम पर पहाड़ टूटा है, मैं निर्दोष हूं, परंतु विवेचक होशियार सिंह ने प्रधान से मिलकर हमें जेल भेज दिया था।’’

अवधेश ने कहा कि न्यायपालिका ने उन्हें पूरा इंसाफ दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बेटियां वापस तो नहीं आ सकती लेकिन दोषियों को उनके किये की सजा मिल गई है तथा वह यह चाहते हैं कि उक्त आरोपियों की तरह ही विवेचक होशियार सिंह को भी मृत्युदंड का सजा मिले।’’

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पाल वर्मा ने ‘पीटीआई भाषा’ को मंगलवार को बताया कि निगोही थाना अंतर्गत जेबा मुकुंदपुर गांव में तीन सगी बहनों की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ कुमार की अदालत ने दो व्यक्तियों को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि मंगलवार को इसका आदेश जारी हुआ।

उन्होंने बताया कि जेबा गांव में रहने वाले अवधेश कुमार का गांव के ही छूटकन्नू से मुकदमेबाजी और रंजिश चल रही थी। उन्होंने बताया कि इसी के चलते 15 अक्टूबर 2002 को छूटकन्नू, उसका बेटा नरवीर तथा भाई राजेंद्र शाम को असलहा लेकर अवधेश के घर में घुस आए।

अधिवक्ता ने बताया कि इसके बाद अवधेश घर से भाग गया परंतु छुटकुन्नू, नरवीर तथा राजेंद्र ने अवधेश की बेटियों रोहिणी (नौ) नीता (आठ) तथा सुरभि (सात) की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी थी। वर्मा ने बताया, ‘‘मामले में अवधेश ने तीन आरोपियों छूटकन्नू, नरवीर तथा राजेंद्र के विरुद्ध हत्या का मामला निगोही थाने में दर्ज कराया था। परंतु विवेचना अधिकारी ने तीनों आरोपियों के नाम विवेचना से निकाल दिए और वादी को ही आरोपी बनाकर आरोपपत्र अदालत में दाखिल कर दिया। मामले में विवेचक का तर्क था कि गरीबी के चलते पिता ने अपनी बेटियों की हत्या कर दी।’’

उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने विवेचना में निकाले गए आरोपियों को तलब किया और मुकदमे के दौरान गवाही तथा साक्ष्यों के चलते छुटकुन्नू, नरवीर तथा राजेंद्र को हत्या का दोषी मानते हुए नरवीर तथा राजेंद्र को फांसी की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि छुटकुन्नू की मामले की सुनवायी के दौरान मौत हो गई है।

मामले में विवेचना अधिकारी होशियार सिंह तथा एक गवाह दिनेश कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 194 के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

भाषा सं आनन्द अमित

अमित

 

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