उप्र विधानसभा पहले सत्र से ही राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी : सतीश महाना |

उप्र विधानसभा पहले सत्र से ही राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी : सतीश महाना

उप्र विधानसभा पहले सत्र से ही राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी : सतीश महाना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : May 21, 2022/2:24 pm IST

(अरुणव सिन्हा)

लखनऊ, 21 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने राज्य की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने से पहले शनिवार को कहा कि ‘विधानसभा पहले सत्र से ही प्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।’

महाना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां ई-विधान लागू किया गया है और इस बार विधानसभा के प्रत्येक सदस्य के लिए सीट निर्धारित की गई है तथा सभी सदस्यों के टेबल पर एक टैबलेट मौजूदा होगा।

उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा का बजट सत्र 23 मई से शुरू हो रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-विधान को लागू करने की अवधारणा दी है, जिसके तहत देश की सभी विधानसभाएं एक मंच पर आएंगी। इसके तहत सभी विधानसभाएं कागज रहित हो जाएंगी और वे एक-दूसरे से ऑनलाइन जुड़ेंगी।”

उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों का उद्देश्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों और राज्य के लोगों के विकास के बारे में सोचना है।

महाना ने कहा, ‘जब मैं विधानसभा अध्यक्ष बना और यह मुद्दा (ई-विधान) मेरे सामने आया तो मैंने कहा कि हम इस प्रणाली को पहले सत्र से ही लागू कर देंगे।”

उन्होंने कहा, ”प्रौद्योगिकी तेजी से आगे बढ़ रही है और आज मैं कह सकता हूं कि नगालैंड को छोड़कर उत्तर प्रदेश देश के बड़े राज्यों में से पहला राज्य है, जहां ई-विधान लागू किया गया है। यह प्रणाली लागू करना मेरे लिए एक चुनौती थी।’

महाना ने कहा कि राज्य में ई-विधान लागू करने से पहले सभी विधायकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास होगा कि सभी सदस्य इसे सीखें। शुरुआत में हम कामकाज को हाइब्रिड मोड में रखेंगे, जिसका अर्थ है ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों, क्योंकि सभी को सिस्टम सीखने में समय लगेगा।”

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “एक मुद्दा सामने आया कि कई विधायक इससे अनभिज्ञ हैं तो मैंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के युग में जब एक गांव में रहने वाली बूढ़ी महिला विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकती है तो विधायकों को सिस्टम को समझने में परेशानी क्यों होगी?”

उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों को इसमें समय लग सकता है और हमारा प्रयास एक-दो सत्रों के बाद पूरी तरह से कागज रहित होना होगा।

उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही के बारे में विस्तार से बताते हुए महाना ने कहा कि फेसबुक और यूट्यूब पर इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘जो मतदाता अपना विधायक चुनते हैं, उन्हें सदन में अपने क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों के बारे में पता चलना चाहिए।”

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ”नयी व्यवस्था में उत्तर प्रदेश की एक बदली हुई छवि पूरे देश में देखने को मिलेगी। तकनीकी प्रगति भी जनता की आकांक्षाओं को तेजी से पूरा करेगी।”

उन्होंने कहा कि जब निर्वाचित विधायकों को पता चलेगा कि लोग अच्छे और बुरे पक्षों का हिसाब रख रहे हैं, उन्हें देख रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से उनमें बदलाव आएगा।

महाना ने बताया कि विधानसभा के शत-प्रतिशत डिजिटलीकरण के बाद अगले चरण में इसे सरकारी विभागों से जोड़ा जाएगा, क्योंकि विधानसभा में जो मुद्दे आते हैं, वे सरकार के विभिन्न विभागों से जुड़े होते हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा मुख्यमंत्री से सलाह-मशविरा करने के बाद मेरी योजना सीधे जनता से शिकायतें प्राप्त करने की है और उनके निवारण का प्रयास किया जाएगा।

सदन में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के संख्या बल में वृद्धि की याद दिलाने और कार्यवाही में चुनौती आने के सवाल पर महाना ने कहा, ”मुझे अपना काम करना है और विपक्ष की ताकत से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। जब मैं अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठूंगा तो सभी मेरे लिए बराबर होंगे। मेरा काम सदन को सुचारू रूप से संचालित करना है।”

उन्होंने कहा, “अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद मैंने विधायकों से कहा था कि जो काम आप सदन के बाहर कर सकते हैं, उसे यहां क्यों करना चाहते हैं? और जो काम आप सदन के अंदर कर सकते हैं, उसे बाहर क्यों नहीं कर सकते। आपको काम करना चाहिए, जिसके लिए लोगों ने आपको चुनकर यहां भेजा है।”

भाषा

अरुनव आनन्द पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)