उप्र: एटीएस समेत सुरक्षा एजेंसियों ने सहारनपुर में डॉ अदील अहमद से संबंधित जानकारी जुटाई

उप्र: एटीएस समेत सुरक्षा एजेंसियों ने सहारनपुर में डॉ अदील अहमद से संबंधित जानकारी जुटाई

उप्र: एटीएस समेत सुरक्षा एजेंसियों ने सहारनपुर में डॉ अदील अहमद से संबंधित जानकारी जुटाई
Modified Date: November 14, 2025 / 11:38 pm IST
Published Date: November 14, 2025 11:38 pm IST

सहारनपुर (उप्र), 14 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की एक टीम ने शुक्रवार को डॉ. अदील अहमद के बारे में जानकारी जुटाने के लिए यहां एक निजी अस्पताल में छानबीन की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

दिल्ली विस्फोट के बाद चल रही जांच में कथित आतंकियों की संलिप्तता और उनके संदिग्ध संबंधों की जांच चल रही है।

अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि टीम ने वी ब्रास अस्पताल के कर्मचारियों से डॉ. अदील के आचरण, कार्य-प्रणाली और वहां कार्यरत रहने के दौरान आने-जाने वालों के बारे में पूछताछ की।

 ⁠

अस्पताल चलाने वाले ऑस्कर समूह की उपाध्यक्ष डॉ. ममता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि डॉ. आदिल ने लगभग तीन महीने तक अस्पताल में काम किया था।

उन्होंने कहा, ‘एटीएस टीम ने हमसे उनके व्यवहार, अस्पताल में उनकी गतिविधियों और उनसे मिलने वाले लोगों के बारे में पूछताछ की। हमने सारी जानकारी उपलब्ध कराई।’

उन्होंने बताया कि डॉ. अदील की नियुक्ति समूह के रोहतक कार्यालय के माध्यम से की गई थी। उन्होंने बताया कि वेतन संबंधी मांगों के कारण उसने नौकरी छोड़ दी थी।

उपाध्यक्ष ने बताया, ‘उसे चार लाख रुपये प्रति माह और 10,000 रुपये मकान किराया भत्ता मिलता था। निजी संस्थानों में वेतन कभी-कभी कुछ दिनों की देरी से मिलता था, इसलिए वह परेशान रहता था। बाद में उसे कहीं और से बेहतर वेतन का प्रस्ताव मिला और उसने इस्तीफा दे दिया।’

उनके अनुसार, नए अस्पताल ने उसे 1.5 लाख रुपये और देने की पेशकश की।

गिरफ्तारी के समय डॉ अदील सहारनपुर के निजी फेमस अस्पताल में काम करता था। बृहस्पतिवार को, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियों की टीमों ने दो अस्पतालों– अंबाला रोड स्थित फेमस अस्पताल और दिल्ली रोड स्थित वी ब्रास अस्पताल का दौरा किया तथा उसके रिकॉर्ड और अन्य विवरण एकत्र किए।

डॉ. ममता ने बताया कि एटीएस की टीम शुक्रवार को लगभग एक घंटे तक अस्पताल में रही और अपनी पूछताछ पूरी करने के बाद चली गई।

उपाध्यक्ष ने कहा, ‘उन्होंने पूछा कि क्या हमें कोई संदिग्ध गतिविधि नज़र आई है, लेकिन हमें कोई संदिग्ध गतिविधि नज़र नहीं आई। हमारा संस्थान प्रतिष्ठित है और हम राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी मामलों में एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करेंगे।’

डॉ अदील को बीते दिनों सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, उसके यात्रा रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह लाल किला विस्फोट से बमुश्किल 10 दिन पहले 31 अक्टूबर को श्रीनगर से दिल्ली आया था।

जांचकर्ताओं का आरोप है कि डॉ अदील ने जैश-ए-मोहम्मद समेत आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध बनाए रखे और संभवतः उनके अभियानों के लिए रसद की व्यवस्था की।

भाषा सं आनन्द राजकुमार

राजकुमार


लेखक के बारे में