गोरखपुर (उप्र), नौ दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि युवाओं को प्रशिक्षण से जोड़कर प्रदेश को देश और दुनिया के लिए कुशल मानव संसाधन का हब बनाया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने यहां पिपरौली ब्लॉक क्षेत्र के नरकटहा में नवनिर्मित राजकीय आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि “उत्तर प्रदेश देश का सबसे युवा राज्य है। यहां के युवा अत्यंत प्रतिभाशाली हैं। इनकी प्रतिभा की मांग देश और दुनिया के कई देशों में है। युवाओं को प्रशिक्षण से जोड़कर प्रदेश को देश और दुनिया के लिए कुशल मानव संसाधन का हब बनाया जाएगा।”
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इस आईटीआई का निर्माण पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड से 18 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया है। इसका संचालन प्रदेश सरकार की तरफ से किया जाएगा।
समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां 55 से 60 फीसदी आबादी कामकाजी यानी युवा है।
योगी ने कहा कि सरकार युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए गीडा में नाइलिट की शाखा के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पावरग्रिड की तरफ से बने आईटीआई में भी उद्योगों की मांग के अनुरूप ट्रेड में युवाओं को हुनरमंद बनाया जाएगा।
योगी ने कहा कि सरकार टाटा टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर डेढ़ सौ से अधिक आईटीआई को अत्याधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘‘जर्मनी, जापान सहित दुनिया के तमाम देशों में उप्र के युवाओं की मांग हो रही है। अगर हम उप्र के नौजवानों को प्रशिक्षण और भाषा के साथ जोड़ देंगे तो देश और दुनिया के लिए अत्यंत उपयोगी होगा।’’
उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि आर्थिक विकास का मापक बड़ी हवेली नहीं होती है, बल्कि उसका मानक अंतिम पायदान पर पहुंची विकास की योजनाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार के कारण गांव में पहुंच रहा विकास इस बात को प्रदर्शित करता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले फसल काटने के बाद पराली को जला दिया जाता था, लेकिन अब पराली आय का माध्यम है। उन्होंने कहा कि इसके लिए धुरियापार में इंडियन ऑयल ने कंप्रेस्ड बायोगैस का संयंत्र लगाया है जहां पराली देने पर पैसा मिलेगा और पर्यावरण की रक्षा भी होगी।
भाषा आनन्द
संतोष
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