उप्र : मथुरा में पुलिसकर्मियों के आवास के लिए मिली भूमि पर अतिक्रमण जानकर जिलाधिकारी हैरान

उप्र : मथुरा में पुलिसकर्मियों के आवास के लिए मिली भूमि पर अतिक्रमण जानकर जिलाधिकारी हैरान

उप्र : मथुरा में पुलिसकर्मियों के आवास के लिए मिली भूमि पर अतिक्रमण जानकर जिलाधिकारी हैरान
Modified Date: November 2, 2025 / 10:23 pm IST
Published Date: November 2, 2025 10:23 pm IST

मथुरा, दो नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के जिलाधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) उस समय अवाक रह गए जब उन्हें यह पता लगा कि मांट थाना क्षेत्र के पुलिसकर्मियों के आवास निर्माण के लिए मिली जमीन पर स्थानीय निवासी काबिज हैं और पुलिस 33 साल में यह कब्जा खाली नहीं करा पाई है।

अधिकारियों को यह जानकारी शनिवार को तब मिली जब वे मांट तहसील में आयोजित ‘संपूर्ण समाधान दिवस’ में शिकायतों की सुनवाई करने पहुंचे जहां उन्हें यह जानकारी देते हुए बताया गया कि 1992 में मांट मूला गांव के तत्कालीन प्रधान लहरी शंकर रावत ने ग्राम पंचायत की ओर पुलिस आवास निर्माण के लिए मुख्य सड़क पर तीन एकड़ से अधिक जमीन आवंटित की थी।

हालांकि, पुलिस अधिकारियों की लापरवाही और शिथिलता के चलते उक्त जमीन पर कब्जा तक नहीं लिया गया और लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए। यहां तक कि एक व्यक्ति ने तो आवंटित जमीन के दस्तावेजों में हेराफेरी कर एक हिस्से पर कब्जा कर किसी से बिक्री का समझौता भी कर लिया और जब राजस्व विभाग ने जमीन का नाप कराने का प्रयास किया तो उसने इससे पूर्व ही ग्राम न्यायालय से स्थगनादेश भी ले लिया।

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यह सच्चाई जानकर जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सन्न रह गए। दोनों ही अधिकारियों ने थानाध्यक्ष जसबीर सिंह और पुलिस उपाधीक्षक आशीष शर्मा को निर्देश दिए हैं कि तत्परता से पैरवी करते हुए आवंटित भूमि की नाप कराएं और खूंटी गड़वा कर कब्जा हासिल करें।

एसएसपी ने दोनों क्षेत्रीय अधिकारियों के सामने गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि जब पुलिस अपनी ही जमीन खाली नहीं करा पा रही है, तो आम आदमी पुलिस से राहत मिलने की उम्मीद कैसे करेगा।

भाषा

सं, राजेंद्र रवि कांत


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