उत्तर प्रदेश : जमीन पर ‘जबरन कब्‍जे’ के विरोध में किसान, उसके बेटे ने आत्‍मदाह की कोशिश की |

उत्तर प्रदेश : जमीन पर ‘जबरन कब्‍जे’ के विरोध में किसान, उसके बेटे ने आत्‍मदाह की कोशिश की

उत्तर प्रदेश : जमीन पर ‘जबरन कब्‍जे’ के विरोध में किसान, उसके बेटे ने आत्‍मदाह की कोशिश की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : September 26, 2022/9:54 pm IST

शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), 26 सितंबर (भाषा) शाहजहांपुर जिले के खुटार क्षेत्र में सोमवार को एक निजी ऊर्जा कंपनी के अधिकारियों द्वारा जमीन पर कथित रूप से जबरन कब्जा करने के विरोध में एक किसान और उसके बेटे ने आत्मदाह का प्रयास किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एक किसान ने आरोप लगाया कि उसने इसकी शिकायत अधिकारियों से की थी, मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। खुटार थाने के प्रभारी धनंजय सिंह ने बताया कि विजौरा बिजोरिया गांव के कुलविंदर सिंह (53) और उनके पिता रतन सिंह (85) ने अपने खेत पर कब्‍जे की कोशिश का आरोप लगाते हुए इसके विरोध में खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्‍मदाह का प्रयास किया। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने माचिस छीनकर उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया।

थाना प्रभारी ने बताया कि उप जिलाधिकारी के निर्देश पर नायब तहसीलदार तथा राजस्व विभाग की टीम भेजी गई थी। टीम की मौजूदगी में ही किसान ने तेल डालकर आत्महत्या का प्रयास किया जिसे पुलिस ने विफल कर दिया।

उन्‍होंने बताया कि दोनों किसानों को बंडा स्थित प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से रतन सिंह को शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज स्थानांतरित किया गया है। बंडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉक्‍टर रिजवान खान ने बताया कि खुद पर मिट्टी का तेल उड़ेलते वक्‍त तेल कुलविंदर सिंह और रतन सिंह की आंखों के साथ-साथ मुंह के रास्‍ते पेट में चला गया जिससे उनका रक्‍तचाप बढ़ गया है।

कुलविंदर ने बताया कि उनके खेत में एक निजी कंपनी के अधिकारियों ने बिना बताये केबल डाल दी। उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों से शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई।

कुलविंदर ने दावा किया कि सोमवार को नायब तहसीलदार पुलिस बल के साथ आ गए और जबरन खेत पर कब्जा करवा रहे थे। कुलविंदर ने कहा कि इसी के चलते उन्होंने और उनके पिता ने आत्‍मदाह का प्रयास किया। उप जिलाधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

भाषा सं सलीम आशीष

आशीष

 

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