राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर 18 स्थानों पर “वंदे मातरम्” का सामूहिक रूप से गायन होगा:चौधरी

राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर 18 स्थानों पर “वंदे मातरम्” का सामूहिक रूप से गायन होगा:चौधरी

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  • Publish Date - November 5, 2025 / 05:53 PM IST,
    Updated On - November 5, 2025 / 05:53 PM IST

लखनऊ, पांच नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर सात नवंबर को उत्तर प्रदेश के 18 स्थानों पर 150 कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक रूप से “वंदे मातरम्” का गायन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस दौरान सभा का आयोजन भी किया जाएगा।

लखनऊ स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में चौधरी ने कहा, “राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की आवाज़ है।”

उन्होंने कहा, “यह वह स्वर है जिसने गुलामी की बेड़ियों में जकड़े भारत को आज़ादी की राह दिखाई। जब-जब देश पर संकट आया, यह गीत हर भारतीय के हृदय में नई ऊर्जा, साहस और एकता का संचार करता रहा।”

चौधरी ने कहा कि “वंदे मातरम्” में केवल मातृभूमि की स्तुति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति श्रद्धा, त्याग और समर्पण की भावना निहित है।

उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत हर आंदोलन और बलिदान का प्रेरणास्रोत बना। आज़ाद भारत में भी इसकी प्रासंगिकता पहले से कहीं अधिक है। यह गीत हमें स्मरण कराता है कि हमारा राष्ट्र केवल सीमाओं से नहीं, बल्कि साझा संस्कृति, भावनाओं और कर्तव्यबोध से निर्मित हुआ है।”

उन्होंने बताया कि “वंदे मातरम्” का सृजन वर्ष 1875 में बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने किया था और इसका प्रथम वाचन वर्ष 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कोलकाता में किया था। वर्ष 1950 में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसे राष्ट्रगीत का दर्जा प्रदान किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत राष्ट्रवाद, एकता और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रतिरोध का प्रतीक बना।

भाषा आनन्द

नोमान

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