योगी आदित्यनाथ ने ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा’ योजना की शुरुआत की

योगी आदित्यनाथ ने ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा’ योजना की शुरुआत की

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  • Publish Date - July 21, 2022 / 08:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

लखनऊ, 21 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा’ योजना की शुरूआत की।

इससे राज्य के 22 लाख कर्मचारी और पेंशन भोगियों सहित कुल 75 लाख से अधिक लोगों को कैशलेस चिकित्सा (बिना राशि भुगतान) की सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि योजना को लागू करने के लिए ऐसी कार्ययोजना बनायी जाए, जिससे राज्य कर्मचारी और पेंशनभोगी अपना ‘स्टेट हेल्थ कार्ड’ स्वयं डाउनलोड कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर सरकारी अथवा अधिकृत अस्पतालों में कैशलेस चिकित्सा का लाभ प्राप्त कर सकें।

एक सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ आयुष्मान भारत के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का चिकित्सा बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है।

प्रदेश के अन्त्योदय परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में पांच लाख रुपये का चिकित्सा बीमा कवर उपलब्ध कराया गया है।

बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के पंजीकृत श्रमिकों को भी पांच लाख रुपये का चिकित्सा बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है।

आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले कार्यकाल में ही सम्बन्धित विभाग को राज्य कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये थे।

उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के माध्यम से राज्य कर्मचारियों, पेंशनभोगियों तथा उनके आश्रितों को सरकारी चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों एवं सरकारी चिकित्सालयों में बिना किसी वित्तीय सीमा के कैशलेस चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साथ ही उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिकृत चिकित्सालयों में पांच लाख रुपये तक की कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सरकार गठन के बाद 100 दिन में कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे।

उन्होंने कहा कि 22 लाख कर्मचारियों, पेंशनभोगियों तथा उनके आश्रितों सहित कुल करीब 75 लाख लोगों को लाभान्वित करना एक बड़ी चुनौती थी।

भाषा जफर धीरज

धीरज